SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 145
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १३५) भारमानी शोध माटे बादशाहे बनावेक वाग. वनस्पति, मेवानां झाड, विचित्र प्रकारना अमूल्य वन रब स्वाहिर भातभातनां पक्वान्न, बागमां फरवाना मनोहर लताना मंडपोवाळा रस्ता, ठेकाणे ठेकाणे सुंदर वेश्याओ नाटक करे तेम गोठवण थइ, स्थळे स्थळे विचित्र प्रकारनांनाटका.तेमज खेलाडुओनीगोठवण थइ, साकरीयां पाणी, गुलाबजल लोकोना उपभोगने माटे तैयार कराव्या. अनेक तरेहना जानवरोना तमासानी रमतनी गोठवण थइ. बाग जोनाराने बेसवाने माटे अनेक खुरशीओ आदिनी सगवड थइ. बागमां सुंदर सरोवरो हवा खावाने माटे बंधाव्यां अने ते सरोवरनी आसपास चारे तरफ लीमडा ववराव्या. घटा करावी, ठेकाणे ठेकाणे पाणीना कुंवारा मूकी दीधा, विषेश शुं ? अपरंपार तेनी शोभा बाह्य जगत्नी वस्तुओथी बनावी दीधी, अने राजवर्गे पादशाहने खबर आपी. पादशाहे जगत्मां एवी जाहेरात् खबर आपी के-मारा बसो कोशना बागना मध्यभागमा एक महेल में रचावेलो छे, ते महेलमां अमुक दिवसे बपोरना त्रण वागे हुँ एक कलाक संताइ रहीश, तेवामां जे पुरुष मने शोधी काढशे तेने हुं मारी तमाम पादशाही आपी देश. एवी रीतनी जाहेर खबर दुनीयामां फेलावी दीधी. ठरावेला दिवसे तमाम लोको बादशाही बाग जोवा आव्या. तमाम प्रजा बाग जोवा मशगुल थइ कोइ फुलनां झाडो जोवा लाग्या. कोइ वाघसिंहादि पशुओने जोवा लाग्या, केटलाक शोखीन तळावनी शोभा जोवा लाग्या अने ठंडो पवन खावा लाग्या, नाटक जोवाना रसीया नाटक जोवामां लीन थया. मेवाना रसीया मेवा खावा लाग्या, कोइ पुरुष बीजा पुरुषने कह्यु के-भाइ चालो आपणे बादशाहने शोधी काढीए, त्यारे सामा पुरुषे जवाब आप्यो के-तुं तो चेलो थयो छे, शुं राजा ते महेलमां संताय ? एने एवं राज्य व्हालुंके For Private And Personal Use Only
SR No.008627
Book TitleParmatma Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBuddhisagar
PublisherAdhyatma Gyan Prasarak Mandal
Publication Year1910
Total Pages432
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy