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ॐ महामुनि रविसागरगुरुभ्यो नमः
श्री जैन स्याद्वाद मुक्तावली ॥
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प्रणम्य शंखेश्वर पार्श्वनाथं प्रकाशितानंत पदार्थ सार्थ स्वान्य प्रकाशाय तमस्तमार्कः प्रकाश्यते जैनविशेष तर्कः ॥ १ ॥ स्याच्छन्दार्थलसद्र सोद्भवभवा द्रव्यादिभिर्भास्वती स्वान्य द्रव्यचतुष्टयैक्य कलिता सार्वोक्तिभिःशाश्वती सत्सामान्यविशेषभावललिता स्यात्सप्तभंगावली धार्यासद्भिरियंसुखैककृमिला स्याद्वाद मुक्तावली |२| सत्तर्क कर्कशविचारपद प्रचारै दुवादिवाद रसनाशन शासनाय । अज्ञान संतमसराशि विनाशनाय स्यादवादसत्वतिलकाय नमो नमोस्तु ॥ ३ ॥
सम्यक् प्रमाण नय तत्त्वसतत्त्वसिद्धिः स्यात्सर्वदर्शि समयाध्ययनाभियोगात्
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