________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandiri
१००
सचित्र जैन कथासागर भाग - २ के जीव वने नेवले ने साँप को मारा । इस प्रकार हमारी शत्रुता की भव-परम्परा अज्ञान में परस्पर अत्यन्त ही बढ़ती चली गयी।
चौथा भव
(४)
राजन्! चौथे भव में हम दोनों स्थलचर से जलचर बने। मैं रोहित मत्स्य बना और मेरी माता का जीव भयानक ग्रहा बना । इस ग्रहा ने मुझे देखा तो उसे तुरन्त क्रोध आ गया और उसने अपना तंतु-जाल फैला कर मुझे पकड़ लिया।
इसी बीच नयनावली की दासी चिल्लाती हुई हम जिस सरोवर में थे उसमें कूद पड़ी । ग्रहा की दृष्टि वदल गई। उसने मुझे दूर फेंक दिया और दासी को पकड़ लिया। दासी चिल्ला उठी अतः मछुए सव एकत्रित हुए। उन्होंने दासी को बचा लिया और साथ ही साथ उस ग्रहा को सरोवर के तट पर लाकर वृक्ष के विशाल तने की भांती उन्होंने उसको काट कर टुकड़े टुकड़े कर दिये।
मैं ग्रहा के जाल में से मुक्त होकर कीचड़ में शय्या का सुख अनुभव कर रहा था। इतने में मछुए ने मुझे पकड़ लिया और गुणधर राजा को सौंप दिया। राजा मुझे देखकर अत्यन्त प्रसन्न हुआ और उसने नयनावली को कहा, 'माताजी! आज मेरे पिता और दादी की तिथि है, इस सुन्दर मत्स्य से उसका श्राद्ध करें तो क्या बुरा है? इस मत्स्य की पूँछ व्राह्मणों को दान में दो और अन्य समस्त भाग हमारे लिये पकाओ।'
रानी ने पुत्र की बात में सम्मति दी। राजन्! मुझे मेरे पुत्र ने ही पकाया । मेरी प्रत्येक नाड़ी खींची गई और जिसके निमित्त श्राद्ध कर रहे थे उसका ही उन्होंने जीव लिया। उसका उनको किसी को भी कोई पता नहीं था।
मेरे माँस को पका कर मेरे पुत्र, पत्नी तथा उसके परिवार ने उमंग से खाया राजन्! यह मेरा चौथा करुण भव है।
स्वयं मज्जति दुःशीलो मज्जत्यपरानपि,
तरणार्थं समारूढा, यथा लोहमयी तरी। जिस प्रकार लोहे से निर्मित नाव स्वयं डुवती है और अन्य व्यक्तियों को डुबाती है, उसी प्रकार दुःशील गुरु स्वयं डूवता है तथा अन्य व्यक्तियों को डूबोता है।
जैन शास्त्रों में पाप करने वाले एवं कराने वाले दोनों को समान फल प्राप्त होता है। मैंने आटे का मुर्गा बना कर उसका वध किया और माता ने उसके लिये प्रेरणा दी। इसके फल स्वरूप दूसरे भव में मैं मोर बना और माता कुत्ता बनी। तीसरे भव में मैं नेवला वना और माता साँप बनी | चौथे भव में मैं मत्स्य बना और माता ग्रहा बनी। हम दोनों ने ही दुःख प्राप्त किये।
For Private And Personal Use Only