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फलोदी मंडनश्री
शीतलनाथजीका स्तवन. चंद्रप्रभुजीसेध्यानरे मोरी लागी लगनवा-एराग. शीतल जिनजीकी प्रीतरे, मोहे लागी चरनकी. लागी चरनकी छोडीना छुटे, हो गइ मनमें प्रतीतरे गाम फलोदीमें धाम तुमारा, पूरण विश्वप्रसिद्धरे नंदामाताका लाडकवाया,विघ्नमिटावो विपरीतरे दृढरथराजा है तात तुमारा, होगइ जगबीच जीतरे श्रीवत्स लांछन अंगमे शोभे, अगम अलेख अतीतरे सुनियेअरजप्रभुअंतरजामी,हेमेन्द्र गावे नित्यगीतरे
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