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आगमसार,
अनादि अनंत संबंधी छे. आकाश खेत्र लोक सर्व अने जीव द्रव्यनो अनादि अनंत संबंध छे, अने संसारी जीव कर्म सहित तथा लोकना प्रदेशनो सादि सांत संबन्ध छे. लोकांत सिद्ध क्षेत्रना सिद्ध जीवोनो आकाश प्रदेश साथे सादि अनंत संबन्ध छे, लोकाकाश अने पुगल द्रव्यनो अनादि अनंत संबन्ध छे, आकाश प्रदेशनी साथे पुद्गल परमाणुनो सादि सांत संबन्ध छे. एम आकाश द्रव्यनीपरे धर्मास्तिकाय तथा अधर्मास्ति कायनो पण सर्व संबन्ध जाणवो. जीव अने पुद्गलना संबन्धमां अभव्य जीवने पुद्गलनो अनादि अनंत संबंध छे, केमके अभव्य जीवनां कर्म किवारें खपशे नहीं मादे, अने भव्य
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