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नारकी प्रमुखना भव करवा ते सादि सांत भांग के अने जे जीव कर्म खपावी मोक्ष गया तेनी सिद्धपणे आदि छे अने पाछो संसारमां कोइ काले आववुं नथी माटे अंत नथी तेथी ए सादि अनंत भांगो छे. ए जीव द्रव्यमां चौभंगी कही. जीव द्रव्यना चार गुण अनादि अनंत छे. जीवने कर्म साथै संयोग ते अनादि सांत छे केमके केवारे पण कर्म छूटे छे.
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आगमसार.
वे धर्मास्तिकायम चार गुण तथा खंधपणो ते अनादि अनंत छे अने अनादि सांत भांगो नथी तथा १ देश २ प्रदेश ३ अगुरुलघु ए सादि सांत भांगो छे. तथा सिद्धना जीवमां धर्मास्तिकायना जे प्रदेश रह्या छे ते प्रदेश आश्रयीने सादि अनंत भांगो छे
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