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अध्यात्मगीता. ७१ काको, कोई नो मामो, कोई नो भाई, कोईनो भत्रीजो, एम अनेक प्रकार जीव में बेटापणो, काकापणो, मामापणो, भाईपणो भत्रीजपणो, रह्यो छे. मारे एणी रीते अनेक पण कहिये. पिण ए बेटा, बाप, काका, मामा, भाई, भरोज पणा पोता पणोते एक वत छे. एटल ए एक में अनेक. अने अनेक में एक, पक्षनो विचार व्यवहार नयने मते जाणवो । ३ ।
हवे निश्चय नय करी जीवम एक अनेक पक्ष प्रते देखाड़े छे. एटले निश्चय नय करी सर्व जीवनो धर्म सत्ताये एक रूप सरीखो छ माटे सर्व जीव एक कहिये; अने गुण पर्याय ने प्रदेश अनेक छे. एटले गुण अतन्ता, पर्याय अनंता. अने प्रदेश असंख्याता, माटे
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