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आगमसार.
तो संसारी थको सक्रिय छे; पण सिद्धअवस्थायें थको संसारी क्रिया करवाने अक्रिय छे तथा बाकीना चार द्रव्य तो अक्रिय छे निश्चयनयथी छ द्रव्य नित्य छे. ध्रुव छे अने उत्पादव्ययें करी अनित्यपणे पण छे तथा व्यवहारनयें जीव अने पुद्गल ए वे द्रव्य अनित्य छे, बाकीना चार द्रव्य नित्य छ, यद्यपि उत्पादव्ययध्रुवपणे सर्व पदार्थ परिणमे छे नोपण एक धर्म, बीजो अधर्म, त्रीजो आकाश, चोथो काल, ए चार द्रव्य सदा अवस्थित छे ते माटे नित्य कह्यां.
छ द्रव्यमा एक जीव द्रव्य अकारण छ अने पांच द्रव्य कारण छे. केमके पांचे द्रव्य जीवने भोगमां आवे छे मादे कारण कहिये.
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