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आगमसार.
छे, पुद्गलपरमाणु * अनंतप्रदेशी छे, परमागुओ अनंता छे एम पांच द्रव्य सप्रदेशी छ अने छटो काल अप्रदेशी छे.
छ द्रव्यमां एक धर्मास्तिकाय, बीजो अधर्मास्तिकाय, त्रीजो आकाशास्तिकाय ए त्रण ते एकेक द्रव्य छे, तथा एक जीव द्रव्य बीजो पुद्गल द्रव्य त्रीजो कालद्रव्य ए त्रण अनेकअनेक छे, छ द्रव्यमां एक आकाशद्रव्य क्षेत्र छे, अने बीजा पांच द्रव्य क्षेत्री छे निश्चयनयथी छ द्रव्य पोतपोताना कार्ये सदा प्रवर्ते छे माटे सक्रिय छ; अने व्यवहारनयथी जीव अने पुद्गल ए बे द्रव्य सक्रिय छे, तेमां पण पुद्गल सदा सक्रिय छे, अने जीव द्रव्य * पुद्गलास्तिकायना स्कन्धो पर्यायो अनन्तप्रदेशी छे.
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