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आगमसार.
सगतीससयतिहुँत्तर। पाणु पुण इग मुहुत्तमि ॥ १॥
अर्थ-निगोदिया जीव ते मनुष्यना एक उसासमां सत्तर १७ भव जाजरा करे छे अने सडत्रीससो तिहुँतेर ३७७३ श्वासोच्वासे एक मुहूर्तमां थाय.
पणसहि सहस्स पणसय । छत्तिसा इग मुहुत्त खुडुभवा ।। आवलियाणं दो सय। छपन्ना एग खुड्डभवे ॥ १॥ अर्थ-निगोदना जीव एक मुहूर्त्तमां ६५५३६ मा करे अने निगोदनो एक भव २५६ आवलीनो छे. क्षुल्लक भवनो ए प्रमाण छे.
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