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आगमसार.
१२० छे अने एकेका प्रदेशे अनंति कर्म वर्गणा लागी छे. ते एकेक वर्गणा मध्ये अनंता पुद्गल परमाणु छे एम अनंता परमाणु जीव साथे लाग्या छे ते थकी अनंत गुणा पुद्गल परमाणु जीवथी रहित छुटा छे.
गोलाय असंखिजा, असंख निगोयओ हवइ गोलो ।। इकिमि निगोए,
अणंतजीवा मुणेयवा ॥१॥ अर्थ-लोक माहे असंख्याता गोलाछे, एकेका गोला मध्ये असंख्याति निगोद छे. एकेक निगोदमां अनंता जीव छ ।।
सत्तरस समहियाकिरी। इगाणुपाऍमि हुँति खुड्डभवा ॥
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