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जीव ने सिद्धत्व रूप हाथी को प्राप्त किया अर्थात् जीवसिद्ध स्वरूप बन गया, इसी से कहा गया कि चिउंटी ने हाथी को जन्म दिया।
पंडित एहनो अर्थ ते कहेज्यो :
यदि आप विद्वान हैं तो उपरोक्त हरियाली का अर्थ कर बतावें।
नहीं तो बहुश्रुत चरणे रहेज्यो :
यदि विद्वान नहीं हैं तो किसी बहुश्रुत विद्वान मुनि के पास रहें, जिससे आप को इसका अर्थ ज्ञात हो सके।
श्री शुम वीर- शासन पामी :
श्री वीर परमात्मा के शासन को प्राप्त कर ।
खाधा पीधानी नकरो खामी ॥६॥०॥:
श्री शुभविजय गणि के शिष्य पंडित श्री वीर विजय गणि कहते हैं कि ज्ञान अमृत रूपी भोजन और उपशम रूपी जल की वीर शासन में कोई कभी नहीं है, अतः इन्हें खाने पीने में किसी प्रकार की कमी न रखें अर्थात् इनको प्राप्त करने का सर्वदा उद्यम करते रहें ।
इति भावार्थ इति श्री हरियाली संपूर्ण
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