________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
चेतन चेतो चतुर चबोला:
चबोले जे नर खोजे:
-
हरियाली *
हे चेतन ! चतुर वाक्य की शिक्षा को समझो ।
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चतुर की चतुराई से जो मूर्ख है वह अपनी नासमझी के कारण रूष्ट होता है ।
मूरख वाते हइडुं रीके:
चार मुर्ख मिलें और उनकी बातों से जिसका मन प्रसन्न हो । तेहने शी शबाशी दीजे ॥ १० ॥ :
उस मूर्ख को पडित किस प्रकार धन्यवाद दे ? मूर्ख है ! गधा है । क्या इस प्रकार धन्यवाद दे ? अतः मूर्ख के समक्ष शास्त्र वाचन शस्त्र जैसा है । अत: जो व्यक्ति चतुर हो उसे समझ जाना चाहिये ।
पाये खोटे मेहेल चलावे:
आत्मा मनुष्य भव प्राप्त करके भी सम्यक्त्व की नींव के बिना चरण सित्तरी रुपी चित्रशाला महल चुनावे तो चरित्र महल सुशोभित न हो ।
थंभ मलो बे माल जडावे:
दान, शील, तप, भाव रुपी चार थंभे मजबूत नहीं कमजोर हैं तब उनके ऊपर व्रत रुपी महल कैसे बनेगा ?
वाघनी बोडे बार मुकावे :
परमाधामी रुपी बाघ सामने खड़े हैं, फिर व्रती के द्वार खुले रखें वे मूर्ख हैं ।
For Private And Personal Use Only