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प्रकाशकीय - निवेदन
'स्याद्यर्थ प्रकाश' ए नामनी आ पुस्तिका प्रकाशित करतां अमो अति आनन्द अनुभवीए छीए । विश्वमां श्रीजैनधर्मना महान् ज्ञानज्योतिर्धर अने महावैयाकरण तरीके प्रसिद्धि पामेला एवा व्याकरणवाचस्पति - शास्त्रविशारद - कविरत्न - स्वर्गस्थ - परमपूज्य - परमोपकारी - आचार्यप्रवर- श्रीमद् विजयलावण्य सूरीश्वरजी महाराजश्रीए शासनप्रभावक अनेक ग्रन्थोनुं सर्जन क छे, ते पैकोनो आ समुपम ग्रन्थ छे ।
आनुं संशोधन अने सम्पादन कार्य स्व० पू० सूरीश्वरजी महाराजश्रीना प्रधानपट्टधर पू० आचार्य श्रीमद् विजयदत्तसूरीश्वरजी महाराजश्रीनापट्टधर पू० श्राचार्य श्रीमद् विजयसुशीलसूरीश्वरजी महाराजश्रीए सुन्दर करेल छे । मुद्रणकार्य मिथिलाप्रान्तान्तर्गत दरभङ्गा नगर, दरभङ्गा प्रेस कम्पनीनां प्रसिद्ध प्रेसमां थयुं छे ।
आ अनुपम ग्रन्थना प्रणेता स्वर्गस्थ पू० गुरुदेवनो तथा आग्रन्थनुं सम्पादन अने संशोधन करनार पू० आचार्य महाराजश्रीनो सादर सविनय कोटिशः वन्दना पूर्वक आभार मानीए छाए । मुद्रणकार्य करनार प्रेस मालिकनो पण आभार मानीए छोए ।
अमारी समितिने आ रीते स्व० पू० गुरुदेवना अनेक ग्रन्थ- प्रकाशननो लाभ मलतो रहे एम शुभेच्छा राखतां विरमीए छोए ।