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________________ श्री विजयने मिसूरीश्वरग्रन्थमाला - रत्नम् श् श्रीमत्तपोगच्छाधिपति शासनसम्राट् - सूरिचक्रचक्रवत्ति बालब्रह्मचारि- विविधतीर्थोद्धारक - सर्वतन्त्र स्वतन्त्र-जगद्गुरु-स्वर्गस्थ - परमपूज्य श्रीमद्विजयने मिसूरीश्वर पट्टालङ्कार-व्याकरणवाचस्पति शास्त्रविशारद - कविरत्न - साधिकसप्तलक्षश्लोक प्रमाण संस्कृतसाहित्यसर्जक परमशासनप्रभावक - निरुपमव्याख्याना मृतवर्षि - बालब्रह्मचारि-स्वर्गस्थ - परमपूज्य श्रीमद् विजयलावण्य वरीश्वरविरचितः ॥ स्याद्यर्थप्रकाशः ॥ सम्पादकः संशोधकश्च व्याकरण रत्न - शास्त्रविशारद - कविदिवाकर-देशनादचबालब्रह्मचारि- परमपूज्य - श्रीमद्- विजयदक्षसूरीश्वर पट्टधरः साहित्यरत्न - शास्त्रविशारद -कविभूषणपदालङ्कृत: श्रीमद्विजयसुशीलसूरिः ॥ प्रकाशिका : * महागुजरात - सौराष्ट्रान्तर्गत- वोटाद - नगरस्थ-श्रीज्ञानोपासक समितिः । * नेमि सं० १७ वीर सं० २४९२, विक्रम सं० २०२२, प्रथमावती पुस्तक, संख्या १००० मूल्यम् १२.५०७
SR No.008454
Book TitleSyadyarthaprakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLavanyasuri
PublisherVijaylavanyasurishwar Gyanmandir Botad
Publication Year
Total Pages216
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size6 MB
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