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________________ " ... लक्षपपर २० A . - A ॥ श्री जैनग्रन्थप्रकाशकसभाप्रकाशितग्रन्थाः ॥ १-हारिभद्राष्टकवृत्ति ३३१ संवादपाठयुक्तवृत्ति ड्राइन्गमेपर २-८ .... ग्लेझपेपर २-० २ संबोध प्रकरण... ... ३ हरिभद्रसूस्ग्रिन्थसंग्रह ... ४ हारिभद्राष्टक प्रकरण (मूल.) ५ स्याद्वादरहस्य पत्र सटीक... ६ न्यायालोक सटीक ७ अष्टसहली तात्पर्य विवरण ... ८ समुद्धाततत्त्व ९ जैनन्यायमुक्तावली सटीक " " समु. से १०. नव्रतत्व विस्तरार्थ ११ दंडक विस्तरार्थ १-७ १० हैमधातुमाला ... ... ४-० १३ जैनतत्त्व परीक्षा १४ स्तोत्रभानु ... -४ २४-२५ योगदृष्टियोगबिन्दु सटीक २६ १२५-१५०-३५० ना स्तवनो, सज्झाय, द्रव्यगुण पर्यायरास-सस्यक्त्व योगदृष्टि-संयमणिविचार___ सज्झायादिसंग्रह ... २७ पारमधस्वाध्यायग्रन्थसंग्रह ७ प्रन्थो (बुक) ... ०-६ २८ पारमर्वस्वाध्यायग्रन्थसंग्रह ९ ग्रन्थो (पत्राकारे)... ०-८ २९ सम्मतितर्क प्रकरण सटीक प्रथम भाग ... ५-० ३० योगदृष्ट्यादि नव ग्रन्थपद्यानुक्रम ... ... ०-६ ३१-३२-३३-३४ भाषारहस्य प्रकरण सटीक, योग विशिका व्याख्या, तत्त्वविवेकविवरणसमेतकूपदृष्टान्तविशदीकरणप्रकरण, निशाभक्त स्वरूपतो दुषितत्त्वविचार ... ... ...."२-० प्राप्तिस्थामशेठ ईश्वरदास मूलचंद, कीकाभट्टनी पोल-अमदावाद. ... ०-४ ... २-८
SR No.008451
Book TitleSaptabhangimimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivanandvijay
PublisherJain Granth Prakashak Sabha
Publication Year
Total Pages228
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size4 MB
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