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गर्भ गृहाय का २८ भाग करके देवता पद स्थापन ज्ञानप्रकाश, दीपार्णव, श्रीगणव, मूत्रसतान
शिला गर्भगृहके मध्य गर्भ
३ नकुलीश १२ सर्व ४ सावित्री
ग्राम, मह्मा लक्ष्मी २ हेमगम, शालि१२ अग्नि ६ कार्तिकस्वामि ५ रुद्र अर्धनारिश्वर ण्यगर्भ मिश्रयुग्म
सरस्वती हिर७ ब्रह्मा स्माभित्री शिव,शेषाशायी ८ दशावतार उमा मारप-वराह
के उासन १० विश्वरुप, उमा ९ विष्णु पनासन १३ दुर्गा सक्षमी
वितराग १४ गणेश, लक्ष्मी
सवदेवी १६ मातृका, लक्ष्मी १७ गादेखो
१८ भैरव १९ क्षेत्रपाल
गर्भगृहाध का दश भाग करके देखना
शिव लिङ्ग मध्य गमे गर्भ गृहना
८ विष्णु
७ चडी
गर्भगृहाधका दश भाग करके देवता र
गर्भ शिवलिङ्ग गर्भगृहमा मध्य
। १ ब्रक्षा
२ हरउमा
उमादेवी
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अग्नि पुराणके मत से गर्भ गृहका छ भाग करके पीछेका १ भाग त्याग करके बाकी (गर्भसे दो भाग) पांच भाग
आठ भाग करके पीछेका १ भाग त्याग करके बाकी सात भाग (गर्भ से तीन भाग)में सर्ट
गर्भगृहाध का पान भाग करके देवता पद स्थापन विभाग ठक्कुर फेर
गर्भ शिवलिङ्ग गर्भगृहका मध्य
४ ब्रह्मा
कार्तिकस्वामी
३ जिन कृष्ण
मध्य लिङ्ग गर्भगृहका
___ गर्म गृहाध का ४९ भाग करके देवता पद स्थापन विभाग-१६ मि. देवता मूर्ति ..।।।।।।।।।।। ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। नव विभाग ब्रह्मांश ब्रह्मा विष्णु स्थापन +९६ विमाग मानुशाशमे सर्व देव स्थानए→ ८.२४ विभाग पिशा
१९ विभागमें से ___गर्भगृहाधना पीडल्ला पाट बीमकी नीचे यश्न भूतादि आगे सर्व देव विष्णु ब्रह्मा
मध्ये शिवलिङ्ग
<--ब्रह्मा विष्णु-~~-
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