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________________ ४९ আমাৰ बनारसमां अभ्यास करती वखते प्राकृतना प्राथमिक अभ्यास माटे प्राकृतमार्गोपदेशिका' नामे एक पुस्तक में आजथी १५ वर्ष पूर्वे लख्यु हतुं. ते पुस्तक करतां वधारे विगतवाळु अने विस्तृत व्याकरण लखवा माटे मुंबइनी जैनश्वेतांबर कॉन्फरन्स ऑफीसे मने प्रेरणा करी, तेथी सं० १९७७-७८ मां में कॉन्फरन्स ऑफीस माटे आचार्य हेमचंद्रनाज क्रम प्रमाणे मूळ आ व्याकरण तैयार कर्यु हतुं. पाछळथी ए पुस्तक रा० रा०केशवलाल प्रेमचंद मोदी तरफथी पुरातत्त्वमंदिरने छापवा माटे आपवामां आव्यु, मंदिरे एने छपाववानो निर्णय को अने 'आखं पुस्तक हुं फरी एकवार जोइ जाउं अने साथे साथे तुलनात्मक पद्धतिनो पण एमां उपयोग करूं' एवी सूचना मने मंदिरना मंत्री भाइ श्रीरसिकलाल परीख तरफथी करवामां आवी, जे मने एक रीते विशेप उपयोगी लागी अने तेना परिणामे पूर्वे लखेलं आखं पुस्तक फरी तपासी तेमां आवश्यक सुधारा वधारा करी हालना रूपमा ए प्रकट करवामां आवे छे. ए माटे ए बधा प्रेरकोने साभार धन्यवाद घटे छे. बेचरदास जीवराज दोशी
SR No.008425
Book TitlePrakrit Vyakarana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGujarat Puratattva Mandir Ahmedabad
Publication Year1925
Total Pages456
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size5 MB
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