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सिया ( आ )
सुवस्थि
सुवे
से
सेवं
हजे (शी० )
हंता
हंद
हंदि
हद्धी
हरे
हला
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हाहा
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ही माणहे (शौ ० )
हीही (शी ० )
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हुहुरु (अप०)
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कल्याण.
आवती काले.
अथ, वाक्यारंभ.
समाप्ति, स्वीकार,
दासीनुं आमंत्रण. कोमलामंत्रण - हा.
गृहाणले.
खेद, विकल्प पश्चात्ताप,
3
निश्चय, सत्य, गृहाण.
खेद, निर्वेद.
क्षेप, संभाषण, रतिकलह.
एला- सखीनुं संबोधन,
एली - १
शीघ्र
खेद.
निश्वय.
विस्मय, निवेद.
खीखी ( विदूषकनुं हसवु )
निश्वय, वितर्क, विस्मय,
संभावना.
'सुरुरु' के 'सरर' अवा
जनुं अनुकरण.
दान, पृच्छा, निवारण.
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