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" तए णं समणे भमवं "त्यार पछी भगवान महावीर
महावीरे कणिअस्स भंभसारपुत्र कोणिकने अर्धभंभसारपुत्तस्स मागधीभाषामां धर्म कहे छे" अद्धमागहाए भासाए भासति" (औपपातिक-उपांग
सूत्र पृ० ७७ समिति) प्र.-" से किं तं भासारिया ? " भाषानी दृष्टिए आर्यों कोने
कहेवा ? उ०—भासारिया जे णं नेओ अर्धमागधीभाषामां
अद्धमागहाए बोले छे तेओने भाषानी मासाए भासेंति" दृष्टिए आर्यों समजवा" (प्रज्ञापना-उपांगसूत्र
पृ० ५६ समिति) आ उपरथी । अर्धमागधी' ने भाषा तरीके अने : महावीर अर्धमागधीभाषामां उपदेश करता हता' ए बन्ने वातो स्वीकारी शकाय एवी छे पण 'अर्धमागधी' ना भाषा तरीकेना उल्लेख मात्री न कांइ एनुं व्याकरण लखी शकाय नहि.
व्याकरण लखवा माटे तो एना विपुल साहित्यने सामे राखवू जोइए, जेथी बीजी भाषाओ करतां अर्धमागधीनी जे खास खास विशेषताओ होय ते बधी साधी शकाय. काइ बे चार रूपोनी विशेघताने लीधे कोइ एक भाषाने बीजी भाषाथी जुदी पाडी शकाय नहि तेम ज बे चार रूपोने साधवा माटे जु९ व्याकरण पण लखी शकाय नहि, जो फक्त बे चार रूपोनी ज विशेषताने लीधे एक