SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 416
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ -- - - -- - - 324 क्षीरार्णध अ.-१५८ कमांक भ. 22 6. वेधवास्तु प्रभाकर मूल हिन्दी-गुजराती अनुवाद सहित है। इस ग्रंथमें प्रासादगृह प्रतिमा आदिके वेध दोष आदि अनेक प्रकारके दीये हुए है। विविध प्राचिन ग्रंथों के प्रमाणोंके सार अच्छी तरह दीये हैं / दीपार्णव ग्रंथकी पूर्ति रुप है। थर स्थापन शल्यविज्ञान-द्वार स्तंभ पाट घंटा आदिके मुहूर्तचक्र-वास्तु-वज्रलेप, संक्षिप्त पूजाविधि मंत्र-पूजाद्रव्यादी सूत्रधार पूजनविधि गणित कोष्टक अनेक विषयोंसे भरपुर अलभ्य सुंदर ग्रंथमें रेखाचित्रों, फोटा आलेखनों आदि दीया हुआ है / मूल्य रु. 10 दश, डाक खर्च पृथक / 7. बेडाया प्रासाद तिलक.. मूल हिन्दी गुजराती अनुवाद सहीत है। पंदरमी शताब्दीका सूत्रधार वीरपालकी सुन्दर ग्रंथ रचना अन्य शिल्पग्रंथोंसे पृथक है, यह ग्रंथ सुंदर छद् रचनासे लीखा है। प्रासाद शिल्पविषयका अपूर्ण ग्रंयका संशोधन कार्य पुरा हुआ है। थोड़े रोजमें प्रेसमें जायगा / मूल्य रु. 10 दश, डाक खर्च पृथक / 8. क्षीरार्णव ग्रंथ / 9. वृक्षार्णव ग्रंथ--- विश्वकर्मा प्रणित है, नारद और विश्वकर्माका संवाद रुप अद्भुत अद्वितिय महाग्रंथ है। सांधार प्रासादोंचातुर्मुख महाप्रासादोंके विषय सविस्तर दीया हुआ है। तीन साडेतीन भूमिका मेघनादादि मंडप-रचना-द्वादश जंधा युक्त 12 भूमिका मंदिरकी रचना अनेक मंडपो पृथक पृथक प्रकारके कहा है जीनमें अनेक विषयोंकी चर्चा की है। यह दोनु ग्रंथ दुष्प्राप्य अवर्णनिय है। क्षीरार्णव ग्रंथका 22 अध्याय 800 श्लोक पुरे है। क्षीरार्णव ग्रंथमें मूल संस्कृत, हिन्दी और गुजराती अनुवाद टीप्पण मर्म प्रत्येक अङ्गका आलेखन अनेक देव-देवीयोंका सुन्दर आले.खन अनेक नकसे-फोटो, ब्लोक बत्तीस देवाङ्गनाका मूल संस्कृत पाठ सहित उनका अालेखन दोया हुआ है। शिल्प स्थापत्यके अब तक जो ग्रंयका प्रकाशन हुआ है। उनमें क्षीरार्णका प्रकाशन अद्भुत है। भूमिका पुरातत्वश विद्वान डॉ. मोतीचंद्रजीने लीखी है। वृक्षार्णव ग्रंथका संशोधनकार्य पूर्ण हुआ है। आशा है के यह ग्रंथ गुजरातकी बड़ी विद्वद संस्थाकी तरफसे प्रकाशन होनेका संभव है। क्षीरार्णव ग्रंथका मूल्य रु. 27 सत्ताईश, डाक खर्च पृथक / शिल्प स्थापत्य साहित्य-संपादक स्थति प्रभाशंकर ओ० सोमपुरा, शिल्प विशारद शिल्प स्थापत्यकला साहित्य प्रकाशन , गोराव ड़ी पालीताणा (सौराष्ट्र) ३.पथिक सोसायटी, सरदार पटेल कोलोनी : प्रकाशक : Publisher अहमदाबाद-१३ बलवंतराय प्र, सोमपुरा, ___B. P. Sompura & Bros आदि भ्रातृओ। 3. Pahtik Society, Ahmedabad-13 8
SR No.008421
Book TitleKshirarnava
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrabhashankar Oghadbhai Sompura
PublisherBalwantrai Sompura
Publication Year
Total Pages416
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati, Art, & Culture
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy