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________________ परिशिष्ट इस आत्मा की अनेक पर्यायों में व्यापक एकद्रव्यमयता एकत्वशक्ति है और एकद्रव्य में व्याप्य अनेकपर्यायमयता अनेकत्वशक्ति है। ३३. भूतावस्थत्वरूपा भावशक्तिः ३४. शून्यावस्थत्वरूपा अभावशक्तिः ३५. भवत्पर्यायव्ययरूपा भावाभावशक्तिः ३६.अभवत्पर्यायोदयरूपा अभावभावशक्तिः ३७.भवत्पर्यायभवनरूपा भावभावशक्तिः ३८.अभवत्पर्यायाभवनरूपा अभावाभावशक्तिः। इसप्रकार एकत्व और अनेकत्वशक्ति की चर्चा करने के उपरान्त अब भावशक्ति, अभावशक्ति, भावाभावशक्ति, अभावभावशक्ति, भावभावशक्ति और अभावाभावशक्ति - इन छह शक्तियों की चर्चा करते हैं - ३३-३८. भाव-अभावादि छह शक्तियाँ ३३ वीं भावशक्ति से ३८ वीं अभावाभावशक्ति तक इन छह शक्तियों का स्वरूप आत्मख्याति में इसप्रकार दिया गया है - वर्तमान अवस्था से युक्त होनेरूप भावशक्ति, शून्य अवस्था से युक्त होने रूप अभावशक्ति, वर्तती पर्याय के व्ययरूप भावाभावशक्ति, पूर्व में न वर्तती पर्याय के उदयरूप अभावभावशक्ति, होने योग्य पर्याय के होने रूप भावभावशक्ति और नहीं होने योग्य पर्याय के नहीं होने रूप अभावाभावशक्ति है। ये भाव-अभावादि शक्तियाँ भी सामान्यस्वभाव रूप होने से सभी (छह) द्रव्यों में पाई जाती हैं। इनके स्वरूप की सम्यक जानकारी पर्यायों की क्रमबद्धता के निर्णय में भी अत्यन्त उपयोगी है। ‘क्रमबद्धपर्याय' नामक मेरी कृति में इनका स्वरूप इसप्रकार स्पष्ट किया है “प्रत्येक द्रव्य में एक ऐसी शक्ति है, जिसके कारण द्रव्य अपनी वर्तमान अवस्था से युक्त होता है अर्थात् उसकी निश्चित अवस्था होती ही है; उसे भावशक्ति कहते हैं। प्रत्येक द्रव्य में एक ऐसी भी शक्ति होती है, जिसके कारण वर्तमान अवस्था के अतिरिक्त अन्य कोई अवस्था नहीं होती; इस शक्ति का नाम अभावशक्ति है। उक्त दोनों शक्तियों के कारण प्रत्येक द्रव्य की प्रतिसमय सुनिश्चित पर्याय ही होती है, अन्य नहीं। प्रत्येक द्रव्य में एक ऐसी भी शक्ति है, जिसके कारण वर्तमान पर्याय का नियम से आगामी समय में अभाव हो जायेगा; उस शक्ति का नाम है भावाभावशक्ति तथा एक शक्ति ऐसी भी है, जिसके कारण आगामी समय में होनेवाली पर्याय नियम से उत्पन्न होगी ही। इस शक्ति का नाम है अभावभावशक्ति। जो पर्याय जिस समय होनी है, वह पर्याय उस समय नियम से होगी ही, ऐसी भी एक शक्ति प्रत्येक द्रव्य में है, जिसका नाम है भावभावशक्ति तथा एक शक्ति ऐसी भी है कि जिसके कारण जो पर्याय जिस समय नहीं होनी है, वह नियम से नहीं होगी, उस शक्ति का नाम है अभावाभावशक्ति। उक्त छह शक्तियों का स्वरूप यह सिद्ध करता है कि जिस द्रव्य की, जो पर्याय, जिस समय,
SR No.008377
Book TitleSamaysar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2006
Total Pages646
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size1 MB
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