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________________ सर्वविशुद्धज्ञानाधिकार ५०५ १२. मैं वर्तमान में मन-वचन से कर्म न तो करता हूँ और न अन्य करते हए का अनुमोदन करता हूँ। १३. मैं वर्तमान में मन-वचन से कर्म न कराता हूँ और न अन्य करते हुए का अनुमोदन करता हूँ। १४. मैं वर्तमान में मन व काय से कर्म न तो करता हूँ, न कराता हूँ। १५. मैं वर्तमान में मन व काय से कर्म न तो करता हूँ और न अन्य करते हुए का अनुमोदन करता हूँ। १६. मैं वर्तमान में मन व काय से कर्म न कराता हूँ और न अन्य करते हुए का अनुमोदन करता हूँ। १७. मैं वर्तमान में वचन व काय से कर्म न तो करता हूँ, न कराता हूँ। १८. मैं वर्तमान में वचन व काय से कर्म न तो करता हूँ और न अन्य करते हुए का अनुमोदन करता हूँ। १९. मैं वर्तमान में वचन व काय से कर्म न तो कराता हूँ और अन्य करते हुए का अनुमोदन करता हूँ। मनसा चेति ।२०। न करोमि, न कुर्वन्तमप्यन्यं समनुजानामि, मनसा चेति ।२। ___न कारयामि, न कुर्वतमप्यन्यं समनुजानामि, मनसा चेति ।२२। न करोमि, न कारयामि, वाचा चेति ।२३। न करोमि, न कुर्वन्तमप्यन्यं समनुजानामि, वाचा चेति ।२४। न कारयामि, न कुर्वन्तमप्यन्यं समनुजानामि, वाचा चेति ।२५। न करोमि, न कारयामि, कायेन चेति ।२६। न करोमि, न कुर्वन्तमप्यन्यं समनुजानामि, कायेन चेति ।२७। न कारयामि, न कुर्वन्तमप्यन्यं समनुजानामि, कायेन चेति ।२८। न करोमि मनसा च वाचा च कायेन चेति ।२९। न कारयामि मनसा च वाचा च कायेन चेति ।३०। न कुर्वन्तमप्यन्यं समनुजानामि मनसा च वाचा च कायेन चेति ।३१। न करोमि मनसा च वाचाचेति ।३२॥न कारयामि मनसाच वाचा चेति ।३३। न कुर्वतमप्यन्यं समनुजानामि मनसा च वाचा चेति ।३४। न करोमि मनसा च कायेन चेति ।३५। न कारयामि मनसा च कायेन चेति ।३६। न कुर्वन्तमप्यन्यं समनुजानामि मनसा च कायेन २०. मैं वर्तमान में मन से कर्म न तो करता हूँ, न कराता हूँ। २१. मैं वर्तमान में मन से कर्म न तो करता हूँ और न अन्य करते हुए का अनुमोदन करता हूँ। २२. मैं वर्तमान में मन से कर्म न कराता हूँ और न अन्य करते हुए का अनुमोदन करता हूँ। २३. मैं वर्तमान में वचन से कर्म न तो करता हूँ, न कराता हूँ। २४. मैं वर्तमान में वचन से कर्म न तो कराता हूँ और न अन्य करते हुए का अनुमोदन करता हूँ।
SR No.008377
Book TitleSamaysar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2006
Total Pages646
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size1 MB
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