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________________ ३१४ || भेद नहीं है । यहाँ तक कि उसमें मुनि-आर्यिकाओं, श्रावक-श्राविकाओं, देव-देवांगनाओं के साथ-साथ पशुओं के बैठने की भी व्यवस्था रहती है और बहुत से पशु-पक्षी भी शान्तिपूर्वक धर्म श्रवण करते हैं । sarp च 1 al ब अ अ प्र ला का र्द्ध ऋजुकूला नदी के तटवर्ती समीपस्थ सभी प्रदेश में दुन्दुभि घोष द्वारा सूचना हो गई और श्रोताओं का विशाल जन-समुदाय तीर्थंकर भगवान महावीर की दिव्य वाणी सुनने उमड़ पड़ा। सभा मण्डप खचाखच भर गया, पर प्रभु की वाणी न खिरी। समय समाप्त होने पर लोग उदास घर चले गये। ऐसा कई दिनों तक हुआ। सबको प्रभु के दर्शन-प्राप्ति का परम सन्तोष था, पर वाणी श्रवण का अवसर न मिलने से थोड़ा असंतोष भी था । जनता जुड़ती, पर दिव्य-ध्वनि नहीं खिरती, कुछ दिनों बाद भगवान का वहाँ से विहार हो गया । वहाँ की जनता प्यासी ही रही। उनके दिव्य प्रवचनों का लाभ उसे न मिला । विहार होते ही समवशरण का विघटन हो गया, पर जहाँ जाकर भगवान रुके वहाँ फिर तत्काल समवशरण की रचना कर दी गई। जनता आई, दर्शन मिले, पर प्रवचन नहीं। इसप्रकार विहार होता रहा, पर प्रवचन नहीं हुआ । विहार करते-करते महावीर राजगृहों के निकट विपुलाचल पर्वत पर पहुँचे । वहाँ भी | वैसा ही विशाल समवशरण बना और सीमातीत जनसमुदाय भी उनके दर्शन एवं श्रवण को उपस्थित हुआ, | पर प्रभु का मौन न टूटा । ६५ दिन समाप्त हो चुके थे। सभी श्रोताओं के साथ-साथ प्रमुख नियामक सौधर्म इन्द्र का धैर्य भी समाप्त हो रहा था । उसने अपने अवधिज्ञान का प्रयोग करते हुए सर्वकारणों की सम्यक् मीमांसा की । उपस्थित जन| समुदाय में प्रभु का प्रमुख शिष्य, जिसे गणधर कहते हैं, बनने की पात्रता किसी में न दिखी। उसने अपनी | दृष्टि का घेरा और विशाल किया तो इन्द्रभूति नामक महान विद्वान पर जाकर उसकी दृष्टि रुक गई। इन्द्रभूति गौतम वेद-वेदांगों के पारंगत विद्वान थे। उनके पाँच सौ शिष्य थे । इन्द्र ने जब ये अनुभव | किया कि भगवान की दिव्यध्वनि को पूर्णतः धारण करने में समर्थ और उनका पट्ट शिष्य बनने के योग्य | इन्द्रभूति गौतम ही है, तब वह वृद्ध ब्राह्मण के वेष में इन्द्रभूति के आश्रम में पहुँचा । ती र्थं क र म र पर्व
SR No.008375
Book TitleSalaka Purush Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2003
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size1 MB
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