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________________ REEFFFF 0 ___कहाँ से आया था वह तीर ? इस बात का पता लगाने पर ज्ञात हुआ कि उनका पूर्वभव का भाई कमठ का जीव जो कि नरक से निकलकर कुरंग नाम का शिकारी भील हुआ था, मांस का लोलुपी वह भील इसी वन में रहता था और धनुष बाण द्वारा क्रूर परिणामों से हिरन आदि निर्दोष पशुओं की हिंसा किया करता था और महान पापबंध कर रहा था। वन में चलते-फिरते वह भील वहाँ आ पहुँचा जहाँ मुनिराज ध्यान मग्न विराजमान थे। मुनिराज को देखकर पूर्वभव के संस्कारवश उसे क्रोध आया और धनुष पर बाण चढ़ाकर मुनिराज पर चला दिया। मुनिराज का शरीर विंध गया। क्रोधान्ध जीव उन भगवान सदृश मुनिराज की महानता को नहीं पहचान सका और ध्यान में स्थिर उन | अहिंसक मुनिराज की अकारण हिंसा करके उस जीव ने तीव्र क्रोध से सातवें नरक की आयु का बंध किया। वह नहीं जानता था कि क्रोध के फल में इतने भयंकर दुःख भोगने पड़ेंगे। इधर, शरीर विंध जाने पर भी मुनिराज तो अपने आत्म स्वभाव में निश्चल थे, उनके ध्यान में कोई शत्रु-या मित्र नहीं था, राग या द्वेष नहीं था। कोई पूजे या कोई बाण मारे-दोनों के प्रति उन्हें समभाव था, जीवन और मरण में भी समभाव था, उनको शरीर का ममत्व नहीं था, आत्मा के आनन्द में इतने लीन हुए कि शरीर छिदने पर भी दुःखी नहीं हुए, वे तो निर्मोह रूप से धर्मध्यान में ही एकाग्र थे। बाण मारने वाले भील पर भी उन्हें क्रोध नहीं आया। समाधिपूर्वक शरीर त्यागकर वे मध्यम ग्रैवेयक में अहमिन्द्र हुए। ग्रैवेयक में उत्पन्न हुए उन अहमिन्द्र की आयु २७ सागरोपम थी और सातवें नरक में उत्पन्न हुए उस कमठ के जीव की आयु भी २७ सागरोपम थी। और यहाँ से निकलकर दोनों जीव मनुष्यलोक में फिर मिलेंगे। स्वर्गलोक का आश्चर्यजनक वैभव देखकर वे अहमिन्द्र विचार में पड़ गये और उनको अवधिज्ञान प्रगट हुआ, उन्होंने अपना पूर्वभव जान लिया, इससे धर्म की अतिशय महिमा आयी। ____ अहमिन्द्र स्वर्ग से निकलकर मरुभूति का जीव तो अयोध्यानगरी में राजकुमार आनन्दकुमार के रूप | में अवतरित हुआ और कमठ का जीव नरक से निकलकर क्रूर सिंह हुआ। EFFE २२.
SR No.008375
Book TitleSalaka Purush Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2003
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size1 MB
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