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________________ || "एक मनुष्य को जितना ज्ञान है; हाथ-पैर कट जाने से कहीं उसका ज्ञान उतना कट नहीं जाता, ज्यों || का त्यों रहता है; क्योंकि ज्ञान शरीर में नहीं था, किन्तु शरीर से भिन्न जीव में ही था। वह ज्ञानमय जीव यदि शरीर से भिन्न नहीं होता तो शरीर कटने से उतना ज्ञान भी कट जाता; परन्तु ऐसा नहीं होता। इसप्रकार ज्ञान जीव का ही लक्षण है, शरीर का नहीं। शरीर संयोगी वस्तु होने से उसके दो टुकड़े हो सकते हैं; जीव असंयोगी होने से उसके दो टुकड़े किसीप्रकार नहीं हो सकते तथा कई बार देखा जाता है कि कोई जीव शरीर में रोगादि प्रतिकूलता होने पर भी अथवा शरीर अग्नि में जलता होने पर भी शान्ति रखता है और धर्मध्यान करता है तथा किसी जीव को बाह्य में स्वस्थ-सुन्दर शरीर होने पर भी अन्तर से वह किसी भयंकर चिन्ता में जल रहा होता है। इसप्रकार दोनों तत्त्वों की क्रिया बिल्कुल भिन्न-भिन्न होती है। ऐसा तभी हो ||| सकता है, जब जीव और शरीर दोनों पदार्थ बिल्कुल भिन्न-भिन्न हों।" इसप्रकार महाराज ने जीव का अस्तित्व और शरीर से उसकी भिन्नता समझाई जिसे सुनकर सभाजन तथा सभी मंत्रीगण भी प्रसन्न हुए। मंत्री ने पूछा - "हे महाराज! आपने स्वसंवेदन से जीव की सिद्धि की तथा शरीर और जीव की भिन्नता | युक्तिपूर्वक समझाई यह तो सत्य है; किन्तु इन बाह्य विषयों के बिना आत्मा में सुख कैसे होगा ?" महाराज ने कहा - "सुनो ! वस्तुत: विषयों के बिना ही आत्मा सुखी होता है, जैसे सिद्ध परमात्मा।| अनादि से जीव बाह्य विषयों में मोहित होकर उनसे सुखी होना चाहता है, समस्त विषयों को वह अनेकबार भोग भी चुका है; परन्तु अभी तक सुखी नहीं हुआ, किन्हीं भी विषयों में उसे तृप्ति नहीं मिली; क्योंकि उनमें सुख है ही नहीं, उनके पीछे दौड़ने में मात्र दुःख और आकुलता ही होती है। जब किसी धर्मात्मा से सुनकर या जानकर कोई भव्य जीव अपने आत्मस्वरूप को शान्तिपूर्वक विचारता है, उससमय वह पाँच इन्द्रियों के किसी भी विषय को भोगता नहीं है, उसका चिन्तन भी नहीं करता। आत्मविचार ही | करता है कि 'मेरा आत्मतत्त्व शरीर से भिन्न है, उसे साधकर मैं मोक्ष प्राप्त करूँगा' ऐसे विचार के समय || १४
SR No.008375
Book TitleSalaka Purush Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2003
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size1 MB
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