SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ &FE FOR क्षेमंकर के उक्त वचन सुनकर उन लोगों ने सींगवाले और दाढ़वाले दुष्ट पशुओं का साथ छोड़ दिया, | केवल निरुपद्रवी गाय-भैंस आदि पशुओं के साथ रहने लगे। क्रम-क्रम से समय बीतने पर क्षेमंकर मनु की आयु पूर्ण हो गई। इसके असंख्यात करोड़ वर्ष बाद चौथे क्षेमंधर कुलकर हुए। इनकी आयु असंख्यात वर्ष की थी और शरीर की ऊँचाई ७७५ धनुष थी। इसके समय में सिंह व्याघ्र आदि पशु अधिक हिंसक हो गये थे। तब इन्होंने लकड़ी, लाठी आदि से उनसे बचने का उपाय प्रजा को बताया। ___तदनन्तर असंख्यात करोड़ वर्ष बीतने पर पाँचवें सीमंकर कुलकर हुए। इनकी आयु कमल प्रमाण असंख्यात वर्ष की थी। इनकी शरीर की ऊँचाई ७५० धनुष प्रमाण थी। इनके समय में कल्पवृक्षों की संख्या एवं क्षमता अल्प हो गई। इसकारण इन्होंने परस्पर के विवादों को मेटने के लिए कल्पवृक्षों की सीमाएँ नियत कर दीं। इसके बाद असंख्यात वर्ष बाद छठवें सीमंधर कुलकर हुए। उनकी आयु नलिन असंख्यात वर्ष प्रमाण थी तथा शरीर की ऊँचाई ७०० धनुष प्रमाण थी। इनके समय में कल्पवृक्ष और भी घट गए और फल भी कम देने लगे। इसकारण प्रजा हाथापाई पर उतरने लगी तो इन्होंने झाड़ियों की बाढ़ लगाने की विधि बता कर उनके झगड़ों को मिटाया। ____ असंख्यात करोड़ वर्ष बाद सातवें कुलकर विमलवाहन हुए। इनकी आयु पदम प्रमाण थी। शरीर ७०० धनुष ऊँचा था। इन्होंने हाथी-घोड़ा आदि पशुओं को सवारी के योग्य बताया और उन्हें लगाम, अंकुश | आदि से वश में करने का उपाय बताया। इनके असंख्यात करोड़ वर्ष बाद चक्षुष्मान नामक आठवें कुलकर हुए। इनके समय तक माता-पिता अपने सन्तान का मुख नहीं देख पाते थे। अब इनके समय जब माता-पिता क्षणभर को संतान का मुख | देखने लगे तो उनके लिए यह नई बात होने से प्रजा भयभीत हुई, उसका समाधान इन कुलकर ने किया। DREFERE
SR No.008374
Book TitleSalaka Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2004
Total Pages278
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size765 KB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy