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________________ ( भगवान महावीर २६ सौ वाँ जन्मकल्याणक वर्ष ) ब्र. साधर्मीभाई रायमल्लजीकृत ज्ञानानन्द श्रावकाचार से संकलित पंचपरमेष्ठी ( स्वरूप एवं समीक्षा) अनुवाद एवं संपादन : ब्र. यशपाल जैन एम. ए. जयपुर प्रकाशक : पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट ए-४, बापूनगर, जयपुर - ३०२०१५ प्रथम संस्करण : (दिनांक १७ फरवरी २००२) ( आ. कुन्दकुन्द जन्म जयन्ती ) १० हजार प्रतियाँ कीमत : चार रुपये टाईपसैटिंग : त्रिमूर्ति कम्प्यूटर्स ए-४, बापूनगर, जयपुर प्रस्तुत ग्रन्थ में (पेज संख्या) मुद्रक : प्रिंट 'ओ' लैण्ड बाईस गोदाम, जयपुर अनुक्रमणिका अरहन्त का स्वरूप ६ से ७ ७ से ९ ९ १० १० से १२ १३ से १८ १८ से १९ सिद्ध का स्वरूप २० से ३७ ३७ से ४० साधु का स्वरूप ४१ से ५९ ५९ से ६३ ज्ञानानन्द श्रावकाचार में (पेज संख्या) २ से ३ १३९ से १४० ३ २०६ से २०७ १३३ से १३४ १३० से १३३ ५ से ६ १९३ से २०५ ३ से ५ ६ से १९ २०८ से २११ प्रस्तुत संस्करण के प्रकाशन में श्रीमती भंवरीदेवी घीसालालजी छाबड़ा, ट्रस्ट सीकर की ओर से ४० हजार रुपये प्राप्त हुए हैं ।
SR No.008363
Book TitlePanch Parmeshthi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashpal Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2007
Total Pages33
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size215 KB
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