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जिनागम के आलोक में -
ध्यान का स्वरूप ( राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर में दिनांक २२ मार्च ०९ से २४ मार्च ०९ तक
आयोजित संगोष्ठी में प्रस्तुत आलेख)
लेखक : डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल शास्त्री, न्यायतीर्थ, साहित्यरत्न, एम.ए., पीएच.डी.
प्रकाशक पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट ए-४, बापूनगर, जयपुर-१५ (राज.) फोन : २७०७४५८, E-mail : ptstjaipur@yahoo.com