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समयसार
३६६
रजसा बध्यते। तस्य कतमो बन्धहेतु: ? न तावत्स्वभावत एव रजोबहुला भूमिः, स्नेहानभ्यक्तानामपि तत्रस्थानां तत्प्रसङ्गात्। न शस्त्रव्यायामकर्म, स्नेहानभ्यक्तानामपि तस्मात् तत्प्रसङ्गात्। नानेकप्रकारकरणानि, स्नेहानभ्यक्तानामपि तैस्तत्प्रसङ्गात्। न सचित्ताचित्तवस्तूपघातः, स्नेहानभ्यक्तानामपि तस्मिस्तत्प्रङ्गात्। ततो न्यायबलेनैवैतदायातं, यत्तस्मिन् पुरुषे स्नेहाभ्यङ्गकरणं स बन्धहेतुः। एवं मिथ्यादृष्टि: आत्मनि रागादीन् कुर्वाणः, स्वभावत एव कर्मयोग्यपुद्गलबहुले लोके कायवाङ्मनःकर्म कुर्वाणः, अनेकप्रकारकरणैः सचित्ताचित्तवस्तूनि, निनन्, कर्मरजसा बध्यते। तस्य कतमो बन्धहेतुः ? न तावत्स्वभावत एव कर्मयोग्यपुद्गलबहुलो लोकः, सिद्धानामपि तत्रस्थानां तत्प्रसङ्गात्।
( उस भूमिकी) धूलिसे बद्ध होता है-लिप्त होता है। ( यहाँ विचार करो कि) उसमेंसे उस पुरुषके बंधका कारण कौन है ? पहले जो, स्वभावसे ही बहुत सी धूलिसे भरी हुई भूमि है वह धूलिबंधका कारण नहीं है; क्योंकि यदि ऐसा हो तो जिन्होंने तेलादिका मर्दन नहीं किया है ऐसे उस भूमिमें रहे हुई पुरुषों को भी धूलिबंधकाप्रसंग आ जाएगा। शस्त्रोंका व्यायामरूपी कर्म भी धूलिबंधका कारण नहीं है; क्योंकि यदि ऐसा हो तो जिन्होंने तेल आदिका मर्दन नहीं किया है उनके भी शस्त्र व्यायामरूपी क्रियाके करने से धूलिबंधका प्रसंग आ जाएगा। अनेक प्रकारके करण भी धूलिबंधके कारण नहीं है; क्योंकि यदि ऐसा हो तो जिन्होंने तैलादिका मर्दन नहीं किया है उनके भी अनेक प्रकारके करणोंसे धूलिबंधका प्रसंग आ जाएगा। सचित्त तथा अचित्त वस्तुओंका घात भी धूलिबंधका कारण नहीं है; क्योंकि यदि ऐसा हो तो जिन्होंने तैलादिका मर्दन नहीं किया है उन्हें भी सचित्त तथा अचित्त वस्तुओंका घात करनेसे धूलिबंधका प्रसंग आ जाएगा।
इसलिये न्यायके बलसे ही यह फलित (-सिद्ध) हआ कि, उस पुरुषमें तैलका मर्दन करना बंधका कारण है। इसीप्रकार-मिथ्यादृष्टि अपनेमें रागादिक रागादिक करता हुआ, स्वभावसे ही जो बहुतसे कर्मयोग्य पुद्गलोंसे भरा हुआ है ऐसे लोकमें काय-वचन-मनका कर्म ( क्रिया) करता हुआ , अनेक प्रकारके करणोंके द्वारा सचित्त तथा अचित्त वस्तुओंका घात करता हुआ, कर्मरूपी रजसे बँधता है। ( यहाँ विचार करो कि) इनमेंसे उस पुरुषके बंधका कारण कौन है ? प्रथम, स्वभावसे जो बहुतसे कर्मयोग्य पुद्गलोंसे भरा हुआ है ऐसा लोक बंधका कारण नहीं है; क्योंकि ऐसा हो तो सिद्धों को भी -जो कि लोकमें रह रहे हैं उनके भी बंधका प्रसंग आ जाएगा।
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