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कर्ता-कर्म अधिकार
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ण वि परिणमदि ण गिण्हदि उप्पज्जदि ण परदव्वपज्जाए। णाणी जाणंतो वि हु पोग्गलकम्मप्फलमणंतं ।। ७८ ।।
नापि परिणमति न गृह्णात्युत्पद्यते न परद्रव्यपर्याये। ज्ञानी जानन्नपि खलु पुद्गलकर्मफलमनन्तम्।। ७८ ।।
यतो यं प्रायं विकार्यं निर्वत्र्यं च व्याप्यलक्षणं सुखदुःखादिरूपं पुद्गलकर्मफलं कर्म पुद्गलद्रव्येण स्वयमन्तापकेन भूत्वादिमध्यान्तेषु व्याप्य तद् गृहृता तथा परिणमता तथोत्पद्यमानेन च क्रियमाणं जानन्नपि हि ज्ञानी स्वयमन्तापको भूत्वा बहिःस्थस्य परद्रव्यस्य परिणामं मृत्तिकाकलशमिवादिमध्यान्तेषु व्याप्य न तं गृह्णाति न तथा परिणमति न तथोत्पद्यते च, ततः प्राप्यं विकार्यं निर्वत्र्वं च व्याप्यलक्षणं परद्रव्यपरिणाम कर्माकुर्वाणस्य सुखदुःखादिरूपं पुद्गलकर्मफलं जानतोऽपि ज्ञानिन: पुद्गलेन सह न कर्तृकर्मभावः।
पुद्गलकर्मका फल अनंता, ज्ञानी जन जाना करे। परद्रव्यपर्यायों न प्रणमें , नहिं ग्रहे, नहिं ऊपजे।।७८।।
गाथार्थ:- [ ज्ञानी] ज्ञानी [ पुद्गलकर्मफलम् ] पुद्गलकर्मका फल [अनन्तम् ] जो कि अनंत है उसे [जानन् अपि] जानता हुआ भी [ खलु ] परमार्थसे [ परद्रव्यपर्याये ] परद्रव्यकी पर्यायरूप [न अपि परिणमति ] परिणमित नहीं होता, [ न गृह्णाति] उसे ग्रहण नहीं करता और [ न उत्पद्यते ] उसरूप उत्पन्न नहीं होता।
टीका:-प्राप्य, विकार्य और निर्वर्त्य ऐसा, व्याप्यलक्षणवाला सुखदुःखादिरूप पुद्गलकर्मफलस्वरूप जो कर्म (कर्ताका कार्य), उसमें पुद्गलद्रव्य स्वयं अंतर्व्यापक होकर, आदि-मध्य-अंतमें व्याप्त होकर, उसे ग्रहण करता हुआ, उस-रूप परिणमन करता हुआ और उस-रूप उत्पन्न होता हुआ, उस सुखदुःखादिरूप पुद्गलकर्मफलको करता है। इसप्रकार पुद्गलद्रव्य द्वारा किये जानेवाले सुखदुःखादिरूप पुद्गलकर्मफलको ज्ञानी जानता हुआ भी, जैसे मिट्टी स्वयं घड़ेमें अंतर्व्यापक होकर, आदि-मध्य-अंतमें व्याप्त होकर, घड़ेको ग्रहण करती है, घड़े के रूप में परिणमित होती है और घड़ेके रूपमें उत्पन्न होती है उसीप्रकार, ज्ञानी स्वयं बाह्यस्थित (बाहर रहनेवाले) ऐसे परद्रव्यके परिणाममें अंतर्व्यापक होकर, आदिमध्य-अंतमें व्याप्त होकर, उसे ग्रहण नहीं करता, उस-रूप परिणमित नहीं होता
और उस-रूप उत्पन्न नहीं होता। इसलिये, यद्यपि ज्ञानी सुखदुःखादिरूप पुद्गलकर्मके फलको जानता है तथापि, प्राप्य, विकार्य और निर्वर्त्य ऐसा जो व्याप्यलक्षणवाला परद्रव्यपरिणामस्वरूप कर्म है, उसे न करनेवाले ऐसे उस ज्ञानीका पुद्गलके साथ कर्ताकर्मभाव नहीं है।
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