SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 209
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates निश्चय-प्रत्याख्यान अधिकार १८२ अत्र परमभावनाभिमुखस्य ज्ञानिनः शिक्षणमुक्तम्। यस्तु कारणपरमात्मा सकलदुरितवीरवैरिसेनाविजयवैजयन्तीलुंटाकं त्रिकालनिरावरणनिरंजननिजपरमभावं क्वचिदपि नापि मुंचति, पंचविधसंसारप्रवृद्धिकारणं विभावपुद्गलद्रव्यसंयोगसंजातं रागादिपरभावं नैव गृह्णाति , निश्चयेन निजनिरावरणपरमबोधेन निरंजनसहजज्ञानसहजदृष्टिसहजशीलादिस्वभावधर्माणामाधाराधेयविकल्पनिर्मुक्तमपि सदामुक्तं सहजमुक्तिभामिनीसंभोगसंभवपरतानिलयं कारणपरमात्मानं जानाति, तथाविधसहजावलोकेन पश्यति च, स च कारणसमयसारोहमिति भावना सदा कर्तव्या सम्यग्ज्ञानिभिरिति। तथा चोक्तं श्रीपूज्यपादस्वामिभि: टीका:-यहाँ परम भावनाके संमुख ऐसे ज्ञानीको शिक्षा दी है। जो कारणपरमात्मा (१) समस्त पापरूपी बहादुर शत्रुसेनाकी विजय-धब्जाको लूटनेवाले, त्रिकाल-निरावरण, निरंजन, निज परमभावको कभी नहीं छोड़ता ; (२) पंचविध ( –पाँच परावर्तनरूप) संसारकी वृद्धिके कारणभूत, विभावपुद्गलद्रव्यके संयोगसे जनित रागादिपरभावको ग्रहण नहीं करता; और (३) निरंजन सहजज्ञान-सहजदृष्टिसहजचारित्रादि स्वभाव धर्मों के आधार-आधेय संबंधी विकल्पों रहित, सदा मुक्त तथा सहज मुक्तिरूपी स्त्रीके संभोगसे उत्पन्न होने वाले सौख्यके स्थानभूत-ऐसे कारणपरमात्माको निश्चयसे निज निरावरण परमज्ञान द्वारा जानता है और उस प्रकारके सहज अवलोकन द्वारा (-सहज निज निरावरण परमदर्शन द्वारा) देखता है; वह कारणसमयसार मैं हूँ-ऐसी सम्यग्ज्ञानियोंको सदा भावना करना चाहिये। इसीप्रकार श्री पूज्यपादस्वामीने ( समाधितंत्रमें २० वें श्लोक द्वारा ) कहा है कि : * रागादिपरभावकी उत्पत्तिमें पुद्गलकर्म निमित्त बनता है। * कारणपरमात्मा “ स्वयं आधार है और स्वभावधर्म आधेय हैं" ऐसे विकल्पों रहित है, सदा मुक्त है और मुक्तिसुखका आवास है। Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com
SR No.008273
Book TitleNiyamsara
Original Sutra AuthorKundkundacharya
AuthorHimmatlal Jethalal Shah
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year
Total Pages400
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy