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________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates इन्द्रियज्ञान... ज्ञान नहीं है अहाहा...! “छह द्रव्य मेरे ज्ञेय-ऐसा तो नहीं, तो कैसा है ? ऐसा है'ज्ञानज्ञेयज्ञातृमद्वस्तुमात्र: ज्ञेयः' ज्ञान अर्थात् जाननपने रूप शक्ति, ज्ञेय अर्थात् जनाने योग्य शक्ति, ज्ञाता अर्थात् अनेक शक्ति रूप विराजमान वस्तुमात्र-ऐसे तीन भेद मेरा स्वरूप मात्र है, ऐसा ज्ञेयरूप हूँ।" क्या कहते है ? कि जाननपने की शक्तिरूप मैं, जनाने योग्य शक्ति रूप भी मैं और अनन्त शक्ति रूप वस्तु अर्थात् ज्ञाता भी मैं हूँ। अहाहा! अनन्तगुणनिधान प्रभु आत्मा में एक जाननपने रूप शक्ति है और एक ज्ञेयशक्ति-प्रमेयशक्ति भी है, इसके द्रव्य-गुण पर्याय में ज्ञान के समान ज्ञेयशक्तिका-प्रमेयशक्ति का व्यापकपना है। इसलिये जो प्रमेय-ज्ञेय पर्याय है वह भी मैं ज्ञान भी मैं और अनन्त शक्ति का धाम ज्ञाता भी मैं हूँ। अहो! बहुत सरस बात है भाई! तुझे पर के सामने कहीं देखना ही नहीं है। भगवान सर्वज्ञदेव के सामने भी तुझे नहीं देखना क्योंकि समवशरण में विराजमान भगवान सर्वज्ञदेव तेरे ज्ञेय है और तू ज्ञायक है-ऐसा नहीं है। भगवान सम्बन्धी या उनकी वाणी सम्बन्धी तुझे जो ज्ञान पर्याय में हुआ है, उस ज्ञेय को ( ज्ञान दशा को) तू जानता है, इसलिए ज्ञेय भी तू स्वयं, ज्ञान भी तू स्वयं और अनन्त गुणधाम ज्ञाता भी तू स्वयं ही है। अरे! तू बाहर में भटक रहा है, तुझे कहाँ जाना है प्रभु ? आता है न-" भटके द्वार-द्वार लोकनके, कूकर आश धरी” दस बजे भोजन का समय हो, दाल-भात-शाक की गंध आती है तब वहाँ कुत्ता आकर खड़ा रहता है; अभी कुछ मिलेगा ऐसी आशा धरकर बिचारा घर-घर भटकता है। इसी प्रकार मेरी ज्ञान की पर्याय किसी पर में से-निमित्त में से आएगी ऐसा अभिप्राय करके यह भिखारी पामर बनकर जहाँ तहाँ भटकता है। पर भाई! पर-पदार्थ में से तेरा ज्ञान आवे, यह बात तो दूर रही, पर पदार्थ तेरा ज्ञेय बने-ऐसा भी नहीं है, क्योंकि ज्ञेय-ज्ञान और ज्ञाता तू ही है। इसलिए पर की आशा छोड़ दे। १५३ * इन्द्रियज्ञान के निषेध बिना उपयोग अंतर्मुख नहीं होता है Please inform us of any errors on rajesh@ AtmaDharma.com
SR No.008245
Book TitleIndriya Gyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSandhyaben, Nilamben
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages300
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Discourse
File Size3 MB
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