________________
Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates
प्रश्न -
१. कषाय किसे कहते हैं ? कषाय को विभाव क्यों कहा ? २. कषाय से हानि क्या हैं ? ३. क्या कषाय आत्मा का स्वभाव है ? ४. कषायें कितनी होती हैं ? नाम बताइये। ५. कषायें क्यों उत्पन्न होती हैं ? वे कैसे मिटें ? ६. आत्मा का स्वभाव क्या है ?
पाठ में आये हुए सूत्रात्मक सिद्धान्त-वाक्य
१. जो प्रात्मा को कसे अर्थात् दुःखी करे, उसे कषाय कहते हैं। २. कषाय राग-द्वेष का दूसरा नाम है। ३. कषाय आत्मा का विभाव है, स्वभाव नहीं। ४. आत्मा का स्वभाव जानना-देखना है। ५. क्रोध गुस्सा को कहते हैं। ६. मान घमण्ड को कहते हैं। ७. माया छल-कपट को कहते हैं। ८. किसी वस्तु को देखकर प्राप्ति की इच्छा होना ही लोभ है। ९. मुख्यतया मिथ्यात्व के कारण परपदार्थ इष्ट और अनिष्ट भासिक होने
से कषाय उत्पन्न होती है। १०. तत्त्वज्ञान के अभ्यास से जब परपदार्थ इष्ट और अनिष्ट भासित न हों
तो मुख्यतया कषाय भी उत्पन्न न होगी।
१४
Please inform us of any errors on rajesh@ AtmaDharma.com