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________________ Version 002: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates २५६] / अष्टपाहुड तो ज्ञानरहित चेतनामात्र मानता है, नैयायिक, वैशेषिक, गुणगुणीके सर्वथा भेद मानकर ज्ञान और जीवके सर्वथा भेद मानते हैं, बौद्धमतका विशेष विज्ञानाद्वैतवादी' ज्ञानमात्र ही मानता है और वेदांती ज्ञानका कुछ निरूपण ही नहीं करता है, इन सबका निषेध है। - इसप्रकार सर्वज्ञका कहा हुआ जीवका स्वरूप जानकर अपने को ऐसा मानकर श्रद्धा, रुचि, प्रतीति करना चाहिये। जीव कहने से अजीव पदार्थ भी जाना जाता है, अजीव न हो तो जीव नाम कैसे होता? इसलिये अजीव का स्वरूप क्या है, वैसा ही उसका श्रद्धान आगम अनुसार करना। इसप्रकार अजीव पदार्थ का स्वरूप जानकर और दोनोंके संयोग से अन्य आस्रव, बंध, संवर, निर्जरा, मोक्ष इन भावों की प्रवृत्ति होती है। इनका आगम के अनुसार स्वरूप जानकर श्रद्धान करने से सम्यग्दर्शन की प्राप्ति होती है, इसप्रकार जानना चाहिये।। १४८।। आगे कहते है कि यह जीव 'ज्ञान-दर्शन उपयोगमयी है', किन्तु अनादि पौद्गलिक कर्मके संयोग से इसके ज्ञान -दर्शन की पूर्णता नहीं होती है, इसलिये अल्प ज्ञान-दर्शन अनुभव में आता है और उसमें अज्ञानके निमित्त से इष्ट- अनिष्ट बुद्धिरूप राग-द्वेष-मोह भावके द्वारा ज्ञान- दर्शनमें कलुषतारूप सुख-दुःखादिक भाव अनुभवमें आते हैं। यह जीव निजभावनारूप सम्यग्दर्शनको प्राप्त होता है तब ज्ञान - दर्शन - सुख –वीर्यके घातक कर्मोका नाश करता है, ऐसा दिखाते हैं:--- दंसणणाणावरणं मोहणियं अंतराइयं कम्म। णिट्ठवइ भविय जीवो सम्मं जिणभावणाजुत्तो।।१४९।। दर्शन ज्ञानावरणं मोहनीयं अन्तरायकं कर्म। निष्ठापयति भव्यजीवाः सम्यक् जिनभावनायुक्तः।। १४९ ।। अर्थ:--सम्यक्प्रकार जिनभावनासे युक्त भव्यजीव है वह ज्ञानावरण, दर्शनावरण, मोहनीय, अन्तराय इन चार घातिया कर्मोंका निष्ठानपन करता है अर्थात् सम्पूर्ण अभाव करता ----------------------------------------------------------- दगज्ञानआवृति, मोह तेमज अंतरायक कर्मने सम्यकपणे जिनभावनाथी भव्य आत्मा क्षय करे। १४९ । Please inform us of any errors on rajesh@ AtmaDharma.com
SR No.008211
Book TitleAshtapahuda
Original Sutra AuthorKundkundacharya
AuthorMahendramuni
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year
Total Pages418
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, Religion, & Sermon
File Size5 MB
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