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________________ ५४ श्रमण भगवान् महावीर पुरुषाद्वैत का प्रतिपादन कर रही है और जब दृश्य, अदृश्य बाह्य अभ्यन्तर, भूत एवं भविष्यत् सब कुछ 'पुरुष' ही है तो पुरुष के अतिरिक्त कोई पदार्थ ही नहीं । युक्तिवाद भी कर्म का अस्तित्व सिद्ध नहीं कर सकता । कर्मवादी कहते हैं-जीव पहले कर्म करता है फिर उसका फल भोगता है । परन्तु यह सिद्धान्त तर्कवाद की कसौटी पर टिक नहीं सकता । 'जीव' नित्य 'अरूपी' और 'चेतन' माना जाता है और 'कर्म' 'अनित्य' 'रूपी' और "जड़' । इन परस्पर विरुद्ध प्रकृतिवाले जीव और कर्म का एक दूसरे के साथ संबन्ध कैसा माना जायेगा-सादि अथवा अनादि ? जीव और कर्म का संबन्ध 'सादि' मानने का अर्थ यह होगा कि पहले 'जीव' कर्मरहित था और अमुक काल में उसका कर्म से संयोग हुआ । परन्तु यह मान्यता कर्मसिद्धान्त के अनुकूल नहीं । कर्मसिद्धान्त के अनुसार जीव की मानसिक वाचिक और कायिक प्रवृत्तियाँ ही कर्मबन्ध का-जीवकर्म के संयोग का कारण होती हैं । मन, वचन और काय ये स्वयं कर्मफल हैं क्योंकि पूर्वबद्ध कर्म के उदय से ही मन आदि तत्त्व जीव को प्राप्त होते हैं । इस दशा में 'अबद्ध' जीव किसी भी प्रकार 'बद्ध' नहीं हो सकता, क्योंकि उसके पास बन्धकारण नहीं है । यदि बिना कारण भी जीव 'कर्मबद्ध' मान लिया जाय तो कर्ममुक्त सिद्धात्माओं को भी पुनः कर्मबद्ध मानने में कोई आपत्ति नहीं होगी । इस प्रकार कर्मवादियों का 'मोक्ष' तत्त्व नाम मात्र को रह जायगा । वस्तुतः कोई भी आत्मा 'मुक्त' ठहरेगा ही नहीं । अतः 'अबद्ध' जीव का 'बन्ध' मानना दोषापत्ति-पूर्ण है । जीव और कर्म का 'अनादि संबंध भी संगत नहीं हो सकता क्योंकि जीव-कर्म का संबंध 'अनादि' होगा तो वह 'आत्मस्वरूप' की ही तरह 'नित्य' भी होगा, और 'नित्य' पदार्थ का कभी नाश न होने से वह कभी बाह्यतः' यह पाठ मिलता है । 'वाजसनेयीसंहिता' (३२-२) 'श्वेताश्वतरोपनिषद्' (२४९) और 'पुरुषसूक्त' में 'पुरुष एवेदं सर्वं यद्भूतं यच्च भाव्यम् उतामृतत्वस्येशानो यदन्नेनातिरोहति ।" वह पाठ उपलब्ध होता है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.008068
Book TitleShraman Bhagvana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year2002
Total Pages465
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Philosophy
File Size8 MB
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