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७ संस्कृत अने प्राकृतमां उच्चारणभेदने लीधे जे केटलाक फेरफारो बताव्या छे तेमांना केटलाक अहीं . उदाहरण साथै समझावो.
८ स्वरांत धातु अने व्यंजनांत धातुनी रूपसाधनामां शुं भेद छे ?
९ 'ज' अने 'जा' नी पूर्वना 'अ' नुं शुं थाय छे ? १० 'अस्' धातुनां वर्तमानकाळना बधां रूपो लखो. ११ प्राकृत भाषामां द्विवचन छे ? तेनो अर्थ शी रीते दर्शावाय ?
१२ कया संयोगोमां स्वरनो लोप थाय छे ते उदाहरण सहित बतावो .
१३ प्राकृत भाषा साथे गुजराती भाषानो केवो संबंध जणाय छे ?
१४ व्यंजनांत अने स्वरांत कोई पण एक धातुनां बधां रूपो लखो.
१५ प्राकृतभाषानां उच्चारणो सरळ छे के कठण ते उदाहरण आपीने समझावो.
उवसग्ग (उपसर्ग)
उपसर्ग धातुनी पूर्वे आवी घणुं करीने धातुना मूळ अर्थमां न्यूनाधिकता करी विशेष अर्थ-न्यून अर्थ, अधिक अर्थ के जुदो अर्थ बतावे छे. एवा उपसर्ग नीचे मुजब छे:
प (प्र) आगळ. प+जाइ = पजाइ- आगळ जाय छे. प+जोतते - पजोतते - विशेष प्रकाशे छे. प+हरति = पहरति
- प्रहार करे छे.