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[ज्जा होज्जामि | होजामो, होजामु, होजाम, होजाम्ह होज्जा होजा२६
आ रीते बीजा अने श्रीजा पुरुषमा 'हो' नां रूपो स्वयं साधी लेवां.
पुरुषबोधक प्रत्ययो लगाडतां पहेलां प्रत्येक स्वरांत धातुनां छ अंगो बने छे. जेमकेः
होअ, होएज, होएजा, हो, होज, होजा, [हो' नां] गाअ, गाएज, गाएजा, गा, गाज, गाजा, ['गा' ना]
ए छ अंगो द्वारा उक्त सर्व रूपो योजी लेवां.
१ 'से' अने 'ए' प्रत्यय न ले तेवा केटलाक धातुओ
जणावो. २ 'ज' अने 'जा' ना उपयोग विशे शं समझायं? ३ स्वरांत धातुनी साथे 'ज' अने जा' नो उपयोग
केवी रीते थाय छे ए उदाहरण साथे समझावो. ४ आवा ( ) कौंसमां अने बहार भूकेला शब्दोमां
केटला टका समानता लागे छ ? ५ बहार भूकेला अने अर्थमां जणावेला शब्दोमां केटला
टका समानता लागे छे ? ६ 'इ' नो 'ए' अने 'उ' नो 'ओ' क्यारे थाय छ ? उदा.
हरण सहिंत जणावो.
२६ त्रणे पुरुषनां मळीने तो घणां रूपो थाय छे. तेथी अहीं प्रथम पुरुषनां रूपो उदाहरण तरीके दर्शाव्यां छे. साहित्यमां अने व्यवहारमा आ वां रूपोनो उपयोग विरल छे. आ तो मात्र जाणवा माटे ज जणाव्यां छे.