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'नमिर (नम्र) नम्र-नरम
परूविथ (प्ररूपित ) प्ररूपेलं, नवम (नवम) नवमु
जणावेलं, प्ररूपवू नवीण । ( नवीन ) नवीन- पंचम (पञ्चम) पांचमुं णवीण
नवु पंडित। (पण्डित) पंडित-भणेलो नाय (ज्ञात) जाणीतुं-प्रसिद्ध पंडिअ पंडयो, पोपटपंडित निश्चल (निश्चल) निश्चल
पंत (प्रान्त) अन्तर्नु, छेवटनु. वापनिठुर (निष्ठुर) नठोर
रतां वधेलु निण्ण । (निम्न ) निम्न-नीचुं,
पासग (पश्यक ?) द्रष्टा-जोनार - नेण्ण
नानु, नेनुं निरठ्ठय (निरर्थक) निरर्थक-नकामुं
तत्त्व समझनार निहिय (निहित) निहित-स्थापेलं,
पिआउय (प्रियायुष्क) आयुष्यने स्थापq
प्रिय समजनार पञ्च (पाच्य) पचवा-रांधवा-योग्य
पियामह (पितामह) बापनो बाप पच्छ ( पथ्य ) पथ्य-रस्तामां
पिय (प्रिय) प्रिय-वहाछ हितकर
पिहिय (पिहित) ढांकेलं, ढांक पदुप्पन्न ( प्रत्युत्पन्न ) वर्तमान- पीण (पीन) पुष्ट
ताजु
पुट्ट (पुष्ट) पुष्ट पढम (प्रथम) प्रथम-परथम पुट्ट (पृष्ट) पूछायेलं पणट्ठ (प्रणष्ट) प्रनष्ट, नाश पुण्ण (पूर्ण) पूर्ण-भरेलो-संपत्ति पत्त (प्राप्त) पहोत्यु-पहोंच्यु
__ वाळो पद्धर (प्राध्वर) पाधलं-सीधुं पुण्ण (पुण्य) पुण्य-पवित्र काम पन्नत्त (प्रज्ञप्त) प्रज्ञापेलु-जणावेलु पुराण । पुराण पुराणु, पन्नविय ( प्रज्ञपित ) प्रज्ञापेलं,
पुराअण पुरातन 5 जून प्रज्ञापवु |
पोअ (प्रोत) परोव्यु-परोवेलं पमत्त ( प्रमत्त ) प्रमत्त-प्रमादी । पोच पोचुं परिसोसि । (परिशोषित) सू- | बज्म ( बाह्य ) बहार, बहारनो परिसोसिय । कायेलं-करमायेलं