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________________ २२१ कय । (कृत) करेलु __ जेवू चतुत्थ गुरु (गुरु) गुरु-भारे मोठं गुज्झ (गुड) छूपाववा योग्य-गुंजु कयण्णु (कृतज्ञ) कृतज्ञ-कदरदान घट्ट (पृष्ट) घसेलं, सुंवाळु करेलु, काणीण, (कानीन) कन्यानुं संतान वाटेलु (कानीन-पुं०) व्यासऋषि कातव्व) (कर्तव्य) . घेत्तव्य (ग्रहीतव्य) ग्रहण करवा कायव्व कर्तव्य-करवा काअव्व) चउगुणय (चतुर्गुणक) चारगणुंकिष्ट (कृत्य) कृत्य-काचुं चउग्गुणय। चोगणुं. किलिट्ठ (क्लिष्ट) क्लेशवाळू, क्लिष्ट चउत्थ) (चतुर्थ) चो, किलिन्न ( क्लन्न ) गीलं-भीनुं भींजायेखें चउरंस । (चतुरस्र) गेरस चउरस्सा किलिप्त (क्लुप्त) क्लुप्त चंड (चण्ड) प्रचंड-क्रोधी कुसल (कुशल) कुशळ-चतुर चारु (चार) सासू-सुन्दर केरिस (कीदृश) केर्बु चिव्व (?) कोमलय (कोमलक) कोमल चीळ चिच्च कोववर ( कोपपर ) क्रोधी-कोप चुच्छ (तुच्छ) तुच्छ-जूज करे ते छइल्ल छेल-चतुर खलपु (खलपु) खळं साफ करनार छग्गुण । (षड्गुण) छगणुं. खट्ट खाटुं छग्गुणय (षड्गुणक) छट्ट। (षष्ठ) । छठे खुत्त खूतेलं छट्टया (षष्ठक)। गढिय (गृद्ध) अतिशय लालचु छाइल्ल । (छायालु) छायाळगय (गत) गयेलु, जर्बु छायालु) छायावाढू गामणि (ग्रामणी) गामनो नेता ज ( यद् ) जे गिलाण । (ग्लान) म्लान थयेलं, | जन्न (जन्य) जणवा योग्य गिलानी ग्लान थq जाय (जात) जायेलं, थयेलं, गुप्त (गुप्त) गोपवेलु-सुरक्षित-गुप्त । जणवू खुट्ट खूटेलु
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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