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दाहिणय (दक्षिणक) डायुं निच्छिअय (निश्चितक) नक्की उच्छृंखलय (उच्छृङ्गलक) उच्छृंखल-उछांछळो
उच्चंचलय (उच्चञ्चलक) उछांछळो
कुच्छ (तुच्छ) तुच्छ - जूज पगरण ( प्रकरण) पगरण- प्रारंभ नमिर (नम्र ) नम्र - नरम चक्क (चक्र) चक्र-चरखो
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माइहर (मातृगृह) माय-महियर लोहखंड ( लोहखण्ड) लोखंड सिंग (शृङ्ग) सिंगडुं भयव्वाउलय ( भयव्याकुलक ) बेबाकळो
रोमय ( रोमक) रूबुं - रोम दंतपवण (दन्तपवन) दंतवणदातण
बिजय ( द्वितीयक) बीजुं
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पाठ २१ मो संख्यावाचक शब्दो
विशेषता:
अट्ठारस (अष्टादश) सुधीना संख्यावाचक शब्दोने षष्ठीना बहुवचनमां 'ह' अने 'हूं' प्रत्यय लागे छे. एगण्छ, पगण्ड (एकेषाम् एकानाम् ?)
दुण्ड, दुहं (द्वयोः) उभयण्ह, उभयण्डं (उभयेषाम् । वगेरे
उभयेानाम् १ }
एग, एक, इक्क, एअ (एक)
आ शब्दनां पुंलिंगी रूपो 'सव्व' नी जेवां थाय छे. स्त्रीलिंगी रूपो 'माला' नी जेवां थाय छे अने नपुंसकलिंगी रूपो नपुंसक 'सव्व'नी जेवां थाय छे.
उभ, उह (उभ) उमे,
(उमे)