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केटलाक देश्य शब्दो ( नान्यतर जाति ) आरोग्गिय-आरोगेलं-खाधेलुं णिव्व । (नीव) नेवु-छापरानुं उल्लुट्ट-उलटुं
निव्व। उजड-ऊजड
तग्ग-तागडो-त्रागडो ऊसय-ओशीकुं
तुंद (तुन्द) दुंद-पेट
पद्र-पादर ओचुल्ल-ओलोचूलो पद्धर-पाधलं ओक्किय-ओकेलं
परिहण (परिधान) पहरण उड-ऊंडे
पंगुरण-पागरण कंटोल कंकोडु-कंकोडान
पिंजिय-पीजेलु कंकोड
शाक पोट्ट-पोट-पेट कोडिय-कोडियु पोच्च-पोचुं कुल्लड-कूलडु-कूलडी
लाहण-लागुं
बरुअ-वरू खट्ट-खाटुं खड-खड-घास
रंदुअ-रांढवू खुट्ट-खूटेखें
रूअ-रू
लक्कुड-लाकडं खुत्त-खुतेलु गवत्त-गवत-घास
वंग-वांगी-बेंगण
छिक-छींक घग्घर-घाघरो
जिमिय-जमेलु चंग-चंग-सारं
संखलय-शंखतुं चउक-चोक
खिंदुरय-छिंदरु छिल्लर-छिल्लर-पाणी
सोल्ल-मांसना सोळा खाबोचीयु
वहल-वादळ जेमणय-जमणुं
संपडिय-सांपडेलु
टिक-टिकी-टीलु-तिलक | हल्लिअ-हालेखें-चालेलु