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१५८ मुहूत्त (मुहूर्त) मुहरत | सन्वज्ज (सर्वश)-सर्वश+बधुं संवत्तम (संवर्तक) संवर्तक वायु
जाणनार सय्ह (सत्य) ०९ सय नामनो | देवज्ज (दैवज्ञ) दैवने जाणनार
जोशी पहाड, सही शकाय ते
किलेस (क्लेश)" क्लेश गुयह (गुह्य) गुह्यक-यक्ष,गुह्य-गूढ
पिलोस (प्लोष) दाह कलाव (कलाप)१० कडपलो-समूह
सिलो
कीर्ति साव (शाप) श्राप सवह (शपथ) शपथ-सोगन सिलिम्ह (लष्मन् ) श्लष्मा पल्हाअ (प्रहाद)" प्रह्लाद कुमार | कासव (काश्यप) काश्यप गोत्रनो आल्हाअ (आह्वाद) आह्लाद-आनंद
ऋषि, ऋषभदेव 'पज्ज (प्राज्ञ) १२ प्राज्ञ-डाह्यो कविल (कपिल) कपिल ऋषि
सिलोग (श्लोक) श्लोक, कीर्ति
१०९ 'ह्य' ने बदले 'यह' नो प्रयोग थाय छे:-सह्य-सय्ह. गुह्य-गुय्ह. ११० असंयुक्त 'प' ज्यारे अवर्ण [ अके आ ] थी पछी आवेलो होय त्यारे तेनो 'व' ज थाय छे:-कलाप-कलाव, काश्यप-कासव. शाप-साव. शपथ-सवह. १११ 'ह' ने बदले ल्ह' वपराय छे:-आहाद-आल्हाद. ११२ आदिभूत 'ज्ञ' नो 'ज' अने अनादिभूत 'ज्ञ' नो 'ज' पण थाय छे:-प्रज्ञ-पज्ज, पण्ण. सर्वज्ञ-सव्वज, सण्णु.
११३ संयुक्त 'ल' ने बदले 'इल' नो प्रयोग थाय छे:क्लेश-[काल+एश]-क्+इल्+एस-किलेस. प्लोष-[प्++ओष]-+इल+ओस-पिलोस. श्लोक-शि++ओक]-श+इल+ओभ-सिलोअ.