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महावीर-बाणी
(११६)
एवं भवसंसारे ससरड, सुहासुहेहि कम्महि । जीवो पमायबहुलो, समय गोयम 1 मा पमायए ॥१॥
[ उत्तरा० अ०० गा० १५]
(११७) लद्ध ण वि माणुसत्तणं, आरियत्तं पुणराचि दुल्लभं । बहवे दत्सुया सिलक्खुया, समयं गोयम ! मा पमायए ।।६।।
(११८) लहूण वि आरिपत्तण, अहीएपचिन्दिया हु दुल्लहा । विगलिन्दियया हुदीसई, समयं गोयम मा पमायए ॥॥
(११६) अहीणपचेन्दियत्तं पि से लहे, उत्तमधम्मसुई हु दुल्लहा । कुतिथिनिसेवए जणे, समयं गोयम | मा पमायए ||८||
(१२०) लण वि उत्तम सुइ, सदहणा पुणरावि दुल्लहा। गिछत्तनिसेवए जणे, सगय गोयम ! मा पमाय ॥६॥