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विनय-सूत्र
(७०) .वृक्ष के मूज से सबसे पहले स्कन्ध पैदा होता है, कन्धं के बाद शाखाएँ और शासोधों से दूसरी छोटी-छोटी टहनिया निकलती है। छोटी इनियों से पत्ते पैदा होते हैं । इसके बाद शमशः फूल, फल और रस उत्पन्न होते है।
(७१)
इसी भांति धर्म का मूज विनय है और मोक्ष उसका अन्तिम रम है | विनय से ही मनुष्य बहुत जल्दी लापायुक्त संपूर्ण शास्त्र-ज्ञान तयो कीर्ति सम्पादन करता है।
इन पाँच कारणों से मनुष्य सरची शिक्षा प्राह नही कर मकता :
अभिमान से, क्रोध से, प्रमाद से, कुष्ठ श्रादि रोग से, और भारपसे।