SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 18
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जंबू स्वामी ררררררררררררר HHHHHHHE7 जंबू स्वामी (दाक्षिण्य) (१) भवदेव (जंबू का जीव) को भाई गुरु के पास ले आए और "इन को दीक्षा लेनी है" ऐसा उन की इच्छा बिना ही कह दिया, (२) दाक्षिण्य (भाई के लिहाज) से भवदेव ने दीक्षा लेकर पाली भी, भाई के स्वर्गवास के बाद अपने गांव में आकर नागिला (अपनी पत्नी) की तलाश की। (३) नागिलानें इन की विषयलालसा को जानकर संयम में स्थिर किया। दीक्षा पालकर स्वर्ग गये। (४) शिवकुमार के भवमें साधु को देख तीव्र वैराग्य हुआ। माँबापनें दीक्षा न लेने देने से जीवनभर छट्ठ छट्ठ के पारणे आयंबिल किये। (५) देवभवके बाद जंबू कुमार के भव में सुधर्मास्वामी की देशनासे वैराग्य। (६) विवाह हुआ उसी रात को स्वस्त्रियों को उपदेश, वह चोरों ने भी सुना, अपने और स्त्रियों के माता-पिता सहित ५२७ नें दीक्षा ली, और जंबू स्वामी केवलज्ञान पाकर मुक्ति गयें। आचार्य श्री भुवनभानु सूरीश्वरजी महाराज
SR No.007794
Book TitleJin Shasanna Mahapurushona Jivan Prasango
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherBhuvanbhanusuri
Publication Year
Total Pages31
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy