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(१५) साधारणजिनस्तवन अवचूरि (सं. १६५६)१, (१६) सुरप्रियमुनि कथा (सं. १६५६)२, (१७) रोहिणी कथा (सं. १६५७) (ग्रंथाग्र- २०२),
(१८) स्नातस्या स्तुति टीका (सं. १६५८),
(१९) ज्ञानपञ्चमी बालावबोध (सं. १६८०),
(२०) वरदत्त-गुणमञ्जरी बावनी (श्लोक-५२), (२१) हरिश्चन्द्र रास (सं. १६९७),
(२२) दीपालिका कल्प
हस्तप्रत माहिती :
प्रस्तुत कृति का संपादन एक छूटक पत्ररूप प्रत का आधार लेकर किया है। प्रत त्रिपाठी है। मध्यफुल्लिका एवं पत्रांक सुशोभन से युक्त है। हांसिया में लाल तिलक है। पत्र में १७ पंक्ति है और प्रत्येक पंक्ति पर ५३ अक्षर है। सुवाच्य एवं शुद्धप्रायः
प्रस्तुत कृति की अन्य भंडारों में स्थित हस्तप्रत माहिती .
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श्रुतदीप - १
१. विशाललोचनदलस्तुति - ४० (७१) - डेला उपाश्रय, अहमदाबाद। २. विशाललोचनदलस्तुति अवचूरि - जैनानन्द भंडार गोपीपुरा, सुरत।
३. विशाललोचनदलस्तुति अवचूरि- सागरगच्छनो भंडार, पाटणरे ।
- अमित उपाध्ये
१. इसकी हस्तप्रत विवेकविजय यति का भंडार, उदयपुर में है। संदर्भ जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास, मो. दे देसाई, पारा ८७०, सं. आ. मुनिचंद्रसू., प्र.ॐकारसू.ज्ञानमंदिर, वि.सं. २०६२
२. इसकी हस्तप्रत मोहनलालजी म. भंडार, सुरत में है। संदर्भ जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास, मो. दे देसाइ, पारा-८७०, सं. आ. मुनिचंद्रसू., प्र. ॐ कारसू ज्ञानमंदिर, वि.सं. २०६२
३. संदर्भ-जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास, मो. दे देसाई, पारा-८७०, सं. आ.मुनिचंद्रसू., प्र.ॐकारसू.ज्ञानमंदिर, वि.सं.२०६२