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________________ १०१२ अण्णमण्ण (अन्योन्य) अण्णयर (अन्यतर) ४/२, ५/३६ ४/१४, २७, ५/१३, १४, ४१ ५/६ से ९ ३/२६ अत्थमिय (अस्तमित) अत्थि (अस्थि) अदिण्णादाण (अदत्तादान) ६ / २ अदीवेत्ता (अदीपयित्वा ) ४/२१ ४/६ अदुष्ट्ठ (अदुष्ट) अद्धजोयण (अर्धयोजन ) ४ / १३ १/४४ अद्धाण (अध्वन्) अनिक्खवित्ता (अनिक्षिप्य)४/१७ अनिज्जूढ (अनिर्यूढ) २/२२ अनियाणया (अनिदानता ) ६ / १९ अनिस्सा (अनिश्रा) अनीहड (अनिर्हत) अन्नत्थ (अन्यत्र) अपडग्गाह (अप्रतिगृहीत) अपरपरिग्गहिय १/२२,२४ २/१४ १/४२ २/१९,२० ३/३० (अपरपरिगृहीत) अपरिभुत्त (अपरिभुक्त) ३/४ अपाइया (अपात्रिका) अपाडिहारिय ५/१७ (अप्रातिहारिक) २/२६,२७, ३/४ ५/२० अपायय (अपात्रक) अपुरिसवाय (अपुरुषवाद) ६/२ अप्प (आत्मन्) १/३४, ३/१३, ४/१२ से १४,२६, ५/६ से ९,११,१२,४०, ४/३१ से ३४ अप्प (अल्प) अप्पचउत्थ (आत्मचतुर्थ) १ / ४६ ६/२ अप्पडिपूरेमाण (अप्रतिपूरयत्) अप्पडिहट्टु (अप्रतिहृत्य) ३/२५ अप्पतइय (आत्मतृतीय) १/४५,४६ अप्पबिइय (आत्मद्वितीय) १ / ४५,४६ अबाहिरिया (अबाहिरिका) १/६,८ अब्भंगित्त (अभ्यञ्जितुम्) अब्भावासिय (अभ्रावकाशिक) अब्भुज्जा अभिनिक्खमणपवेस १/११ (अभिनिष्क्रमणप्रवेश) अभिनिदुवार (अभिनिद्वार) १/११ अभिनिव्वगड (दे. अभिनिर्वकर) अभिन्न (अभिन्न) अमरपरिग्गहिय (अमरपरिगृहीत) अमूढ (अमूढ) अलियवयण (अलीकवचन) अवंगुयदुवारय (दे. अपावृत्तद्वार) कप्पसुयस्स सद्दकोसो अवक्कम्म (अवक्रम्य) अवयण (अवचन) अवलंबमाण (अवलम्बमान) अवसेस (अवशेष) अवि (अपि) ५/३६ २/ ११.१२ १/३४ १/११ १/१,३,४, ३/९ ३/३० ४/९ ६/१ १/१४,१५ ४/१६ ६/१ ६/७ से १८ २/१३ १/५
SR No.007788
Book TitleKappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 03
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman
Author
PublisherShubhabhilasha Trust
Publication Year2016
Total Pages314
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bruhatkalpa
File Size6 MB
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