SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 75
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ॥ आहडियनीहडियापगयं ॥ [सुत्तं]-सागारियस्स आहडिया सागारिएण पडिग्गाहिया, तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गाहित्तए । सागारियस्स आहडिया सागारिएण अप्पडिग्गाहिया, तम्हा दावए एवं से कप्पइ पडिग्गाहित्तए ॥२-१७॥ ___ "सागारियस्स आहडिया०" सुत्तं उच्चारेयव्वं । सम्बन्धः नीहडसागरिपिंडस्स विवक्खो आहडो अह उ जोगो । नीहडसुत्ते पुणरवि, जोगो संदटुओ नाम ॥३६१६॥ "नीहडसागरि पिंडस्स०" गाहा । कण्ठ्या । 'नीहडसुत्ते' त्ति पुणरवि नीहडसुत्तं होहिति । एष द्वितीय सम्बन्धः - संदट्ठओ नाम आदीए नीहडं, मज्झे आहडं, अवसाणे नीहडं। आहडिया उ अभिघरा, कुलपुत्तग भगिणि मट्टिगालित्ते । दव्वे खेत्ते काले, भावम्मि य होइ आहडिया ॥३६१७॥ [नि०] "आहडिया उ०" गाहा । आहडिया णाम जा भज्जी पेसविज्जति सा पुण किमट्ठाए कस्स वा पेसविज्जइ ? अत उच्यते आएसट्ठाइसेसे२, सति काले भगिणि संभरित्ताणं । भज्जि भज्जाहत्थे, कुलओ पेसेति भगिणीए ॥३६१८॥ "आएसट्ठाइसेसे०" गाहा। पाहुणगस्स अट्ठाए अइसेसिं दव्वं खज्जगादि कयं, सइ काले भइणि संभरित्ता भार्याहस्ते विसज्जेइ । सेसं कण्ठ्यम् । तीए आहडियाए पेसिताए पडिगाहियाए य चत्तारि भंगा । दव्वतो पडिगाहिया ण भावओ, भावओ पडिग्गाहि[या] ण दव्वओ, दव्वओ वि भावओ वि पडिग्गाहिया। ण वि दव्वओ णावि भावओ पडिग्गाहिया । पढमभंगस्स व्याख्या उच्छंगें अणिच्छाए, ठविया दव्वगहिया ण पुण भावे । एत्थ पुण भद्द पंता, अचियत्तं चेव घेप्पते ॥३६१९॥ १. सकार अ ब क ड इ । २. आएसट्टविसेसे मुच । आएसट्ठ विसेसे मुच ।
SR No.007787
Book TitleKappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 02
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman
Author
PublisherShubhabhilasha Trust
Publication Year2016
Total Pages423
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bruhatkalpa
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy