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________________ वर्गीकरण यहां किया गया है। जिन सूत्रों का एक से अधिक समितियों या एक से अधिक महाव्रतों सम्बन्ध है उनका स्थान समिति और महाव्रत के संयुक्त विधि - निषेध और महाव्रतकल्पशीर्षक के अंतर्गत है। उत्तराध्ययन अध्ययन-२४ के अनुसार ईर्यासमिति का विषय बहुत व्यापक है अतः जो सूत्र सामान्यतया ज्ञान, दर्शन या चारित्र आदि से संबंधित प्रतीत हुए उनको विशेषचूर्णिकार ने 'विधिनिषेधकल्प' शीर्षक के नीचे स्थान दिया है। जैसे- ईर्यासमिति के विधि - निषेधकल्प को चार सूत्रों में आबद्ध किया है । ( सूत्रांक१ - ३८ उ. १ ) इनमें निम्न विषयों का समावेश हुआ है, अध्वगमन(सू०४६) आर्यक्षेत्र (सू. ५२ ) । महानदी सूत्र (उ. ४ सू. ३४-३५) वैराज्य - विरुद्धराज्यसूत्र (उ.१, सू.३९) अन्तरगृहस्थानसूत्र । प्रस्तुत बृहत्कल्पसूत्र पर पूर्वाचार्यों ने नियुक्ति, भाष्य, चूर्णि और बृहद्भाष्य तथा बा की रचना की। किंतु कालदोष से ये अब तक अप्रकाशित है। ऐसे महत्त्वपूर्ण अप्रकाशित ग्रंथो का सम्पादन करके श्रुतभवन संशोधन केन्द्र, पुणे इन ग्रंथो का प्रकाशन करा रहा है यह आ विषय है। (७८)
SR No.007786
Book TitleKappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 01
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman
Author
PublisherShubhabhilasha Trust
Publication Year2016
Total Pages504
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bruhatkalpa
File Size3 MB
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